मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को 72वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेशवासियों को 72वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस हमें संविधान के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा देता है।
राष्ट्र धर्म के प्रति समर्पण से ही देश महान बनता है। हमारे संविधान में हमारे मूल कर्तव्य और मौलिक अधिकारों का उल्लेख है। ‘नेशन फस्र्ट’ को ध्यान में रखते हुए हमें अपने कर्तव्यों का पालन पूरी ईमानदारी और निष्ठा से करना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने सभी ज्ञात-अज्ञात अमर स्वाधीनता सेनानियों का अत्यन्त कृतज्ञतापूर्वक स्मरण करते हुए उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने देश की सीमाओं की रक्षा के लिए शहीद हुए वीरों का भी स्मरण किया और उन्हें भी अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा समय से लिए गये निर्णयों का परिणाम है कि आज भारत, कोरोना वायरस की वैश्विक चुनौती को मात देने के लिए आत्मविश्वास के साथ अपने कदम आगे बढ़ा रहा है।
भारत इकलौता ऐसा देश है, जिसने कोरोना वायरस पर अंतिम प्रहार करने के लिए 02 स्वदेशी वैक्सीन तैयार कर लिए हैं। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में गत 16 जनवरी को देश में दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस समय उत्तर प्रदेश में कोविड वैक्सीनेशन अभियान के प्रथम चरण में हेल्थ वर्कर्स का टीकाकरण कार्य प्रगति पर है। आत्मनिर्भर भारत अपने वैक्सीन के माध्यम से देशवासियों की जीवन रक्षा करने के साथ-साथ
, ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ के अनुरूप इस धराधाम को एक परिवार मानते हुए, दूसरे देशों के नागरिकों की भी जीवन रक्षा कर रहा है। 24 करोड़ जनसंख्या का राज्य होने के बावजूद उत्तर प्रदेश ने कोरोना प्रबन्धन के क्षेत्र में एक मानक स्थापित किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार के इन प्रयासों की सराहना प्रधानमंत्री जी द्वारा की गयी तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र की विश्व की सर्वाेच्च संस्था डब्ल्यू0एच0ओ0 ने भी उत्तर प्रदेश के बेहतर कोविड प्रबन्धन की सराहना की। राज्य सरकार, उत्तर प्रदेश की सम्मानित जनता के आशीर्वाद एवं सहयोग की बदौलत यह उपलब्धि प्राप्त कर सकी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान राज्य सरकार ने कोविड-19 से बचाव व उपचार के पूर्ण प्रबन्धों के साथ, जहां एक ओर प्रदेश के कमजोर और गरीब वर्गांे की बुनियादी जरूरतों को पूरा किया,
वहीं दूसरी ओर अन्य राज्यों से प्रदेश वापस आये 40 लाख श्रमिकों एवं कामगारों का भी पूरा ध्यान रखा। इनकी रहने-खाने की व्यवस्था, सुरक्षित घर वापसी के सभी प्रबन्ध करते हुए प्रदेश सरकार ने अपने निवासी और प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न विषम परिस्थितियों में भी कामगारों और श्रमिकों को सेवायोजन व रोजगार की किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो, इस हेतु प्रदेश सरकार ने योजनाबद्ध ढंग से कार्य करते हुए अनेक कदम उठाए।
प्रधानमंत्री जी के ‘जान भी, जहान भी’ मंत्र के अनुरूप राज्य सरकार ने ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ तथा ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के तत्वावधान में ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार कार्यक्रम’ संचालित किया। इस कार्यक्रम के माध्यम से 1.25 करोड़ से अधिक कामगारों व श्रमिकों को रोजगार, उद्योगों में समायोजन तथा स्वतः रोजगार के अन्तर्गत कार्य दिया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने अपनी पूर्व संचालित ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ तथा ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ को और गति देकर, इन योजनाओं के माध्यम से व्यापक स्तर पर रोजगार के नये अवसर सृजित किये।
कृषि क्षेत्र के बाद एम0एस0एम0ई0 सेक्टर द्वारा सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। श्रमिकों एवं कामगारों का उद्योगों में समायोजन कराने के लिए इस सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक 11,52,195 पूर्व स्थापित एवं नवीन एम0एस0एम0ई0 इकाइयों को 35,928 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण प्रदान किया गया। प्रदेश सरकार के इन प्रयासों से एम0एस0एम0ई0 सेक्टर में 25 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हुए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वदेशी और स्वावलम्बन आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला है। इसे ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने कोरोना की आपदा को अवसर में बदलते हुए कार्यवाही की। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता से परिपूर्ण यह प्रदेश भविष्य में भी इसी प्रकार आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने में योगदान करता रहेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने ‘जय किसान’ के नारे को सार्थकता प्रदान की है। स्वामीनाथन कमेटी के रिपोर्ट के अनुरूप विभिन्न फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में प्रधानमंत्री जी ने डेढ़ गुना वृद्धि की है। किसानों को शोषण तथा सूदखोरी से मुक्ति दिलाने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को संचालित किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रही है। पिछले चार साल के दौरान राज्य सरकार ने प्रदेश के किसानों को धान व गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक धनराशि का भुगतान किया है। वर्तमान राज्य सरकार ने गन्ना किसानों के 01 लाख 15 हजार करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया है।
प्रदेश सरकार ने अब तक लगभग 04 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां उपलब्ध करायी हैं। निजी क्षेत्र में 15 लाख नौजवानों का नियोजन हुआ है। विगत पौने चार वर्ष में डेढ़ करोड़ से अधिक युवाओं को स्वतः रोजगार के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं से जोड़ने का कार्य हुआ है।
उन्होंने सभी प्रदेशवासियों से उत्तर प्रदेश को एक विकसित और अग्रणी राज्य बनाने के लिए संकल्प लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि महान देशभक्तों के प्रति यही हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।