प्रशिक्षण में पाइप पेयजल योजना को मिलेगी सफलता : डाॅ0 महेन्द्र सिंह
उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा पाइप पेयजल योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रदेश के सभी जनपदों के ग्राम स्तर के प्लम्बर, राजमिस्त्री, इलेक्ट्रीशियन, पंप आपरेटर,
मोटर मैकेनिक तथा सौर ऊर्जा से सम्बंधित 27 लाख कारीगरों का आगामी 14 फरवरी, 2021 से दो दिवसीय तकनीकी प्रशिक्षण दिया जायेगा। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम मई, जून तक चलेगा। इससे संकटग्रस्त गांवों में बाधा रहित पेयजल आपूर्ति के साथ 27 लाख लोगों को प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
उन्होंने निर्देश दिये कि प्रशिक्षण कार्यक्रम से पानी समितियों एवं महिला समूहों को भी जोड़ा जाये और इनमें बेहतर समन्वय पर जोर देते हुए यूजर चार्जेज के लिए लोगों को प्रेरित किया जाय। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर उ0प्र0 की यह पहली पहल है।
जलशक्ति मंत्री ने प्रशिक्षण से जुड़े विभागों को निर्देश दिये कि प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों से बड़ी संख्या में प्रशिक्षण लेकर लोग निकलते हैं, उनको इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में समाहित करके फील्ड की टेªनिंग व अनुभव प्रदान किया जायेगा।
उन्होंने इसके लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की सूची प्राप्त करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी अनुश्रवण करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि दिये जाने वाले प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का वीडियो
, पम्पलेट, लिफलेट आदि भी तैयार कराकर इसकी क्लिप प्रशिक्षणार्थियों के व्हाट्सऐप पर उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। उन्होंने फोटोयुक्त संग्रहणीय पुस्तक प्रकाशन के भी निर्देश दिये हैं।
डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने यह भी निर्देश दिये कि प्रशिक्षण में आये लोगों को प्रशिक्षण स्थल पर भोजन व ठहरने आदि की भी व्यवस्था कराई जाय। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन को प्रभावी रूप देने के लिए ग्राम स्तर पर कुशल मानव संसाधन की जरूरत होगी।
उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन देश के यशस्वी प्रधानमंत्री मा0 नरेन्द्र मोदी जी की योजना है। उ0प्र0 में पहली बार 27 लाख कार्मिकों की रिकार्ड स्तर पर टेªनिंग एक उदाहरण बनेगी और नल से जल योजना को अभूतपूर्व सफलता प्राप्त होगी।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को प्रशिक्षित मानव संसाधन के माध्यम से मिशन मोड पर संचालित किया जायेगा। प्रशिक्षण में धन का दुरूपयोग न हो, यह भी हर स्तर पर सुनिश्चित किया जायेगा। इस प्रशिक्षण के पश्चात जन प्रतिनिधियों को भी इस कार्यक्रम से जोड़ा जायेगा।
जलशक्ति मंत्री आज यहां विधान भवन के कक्ष संख्या-80 में इस प्रशिक्षण के लिए ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, आईटीआई तथा कौशल विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए तैयार की गयी रूपरेखा का अवलोकन कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिये कि पूरे प्रदेश की जनपदवार प्रशिक्षणार्थियों की सूची तैयार की जाय।
इसके साथ ही इन कर्मियों को प्रशिक्षण की तैयारी से सम्बंधित मास्टर ट्रेनरों की सूची एवं चयन की कार्यवाही आदि 10 फरवरी, 2021 तक अनिवार्य रूप से पूरी कर ली जाय। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के लिए हर ब्लाॅक, जिला तथा राज्य स्तर पर शिविर लगाया जायेगा। उन्होंने कहा कि सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने वाले कर्मियों को प्रमाण पत्र के साथ ही टूल किट उपलब्ध करायी जायेगी।
प्रस्तुतिकरण के दौरान जलशक्ति मंत्री ने कहा कि प्रथम चरण में 75 जनपदों के 826 ब्लाकों की 58194 ग्राम पंचायतों के 116388 प्लम्बरों, 116388 पम्प आॅपरेटरों, 116388 मोटर मैकेनिकों, इतने ही फीटरों, इलेक्टिªिशयन तथा 174582 राजमिस्त्री इस प्रकार कुल 756522 लोगों को प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव है।
यह प्रशिक्षण के कार्यक्रम दो दिवसों व 4 सत्रों में बांटा जायेगा। उत्तर प्रदेश राज्य कौशल विकास केन्द्र को जनपद स्तर पर, पंचायतीराज विभाग, उ0प्र0 के जिला पंचायतराज अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित करते हुए विकास खण्ड एवं ग्राम पंचायत स्तर पर सहायक विकास अधिकारी पंचायतीराज एवं ग्राम पंचायत सचिव द्वारा ग्राम पंचायत सचिवों का सहयोग प्राप्त किया जायेगा।
बैठक में मौजूद प्रमुख सचिव नमामि गंगे एवं जलापूर्ति श्री अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण किट एवं टेªडवार विभिन्न रंगों वाली जल जीवन मिशन की लोगोयुक्त हाॅफ जैकेट के साथ उनके व्यवसाय हेतु उपयोगी टूल किट भी दिये जाने का निर्णय लिया गया है।
प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को जल जीवन मिशन के महत्वपूर्ण तथ्यों से अवगत कराते हुए उनके वर्ग, विषय व उपयोग के बारे में भी जानकारी दी जायेगी। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के लिए कौशल विकास केन्द्र, मण्डी समिति के हाॅल, पाॅलीटेक्निक काॅलेज, जिला प्रशिक्षण केन्द्र ग्राम्य विकास तथा स्थानीय इन्टर व डिग्री काॅलेज के भवन, प्रांगण आदि को प्राथमिकता दी जायेगी।
इस बैठक में जल जीवन मिशन निदेशक श्री सुरेन्द्र राम, पंचायतीराज, कौशल विकास, ग्राम्य विकास, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के अधिकारियों के अलावा विशेष सचिव नमामि गंगे श्री राजेश प्रताप पाण्डेय, डाॅ0 अम्बरीश कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।