चाणक्य नीति: प्रेम और विवाह के रिश्ते में इन चार लोगों को कभी नहीं मिलती निराशा
चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री रहे आचार्य चाणक्य ने कई नीतियों का उल्लेख किया है। नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने जीवन से संबंधित कई पहलुओं का जिक्र किया है और उनसे जुड़ी समस्याओं का हल बताया है। चाणक्य ने प्रेम और प्रेमी की सफलता को लेकर भी नीतियां बताई हैं। चाणक्य का मानना है कि 4 तरह के पुरुष प्रेम और विवाह में कभी असफल नहीं होते हैं। जानिए आप भी उन पुरुषों के बारे में-
1. पत्नी को सम्मान- चाणक्य कहते हैं जो पुरुष महिलाओं को सम्मान की भावना से देखता है और उनके महत्व को समझता है। वह रिश्ते में कभी फेल नहीं होता है। नीति शास्त्र के अनुसार, प्रेमिका अपने प्रेमी के इस भाव को देखकर सोचती है कि अगर वह पराई स्त्रियों का इतना सम्मान करता है तो वह उसके लिए कितना करता होगा।
2. पराई स्त्री को स्पर्श- चाणक्य कहते हैं कि प्रेमी में इस आदत को महत्वपूर्ण मानते हैं। अगर कोई व्यक्ति अपनी प्रेमिका या पत्नी के अलावा किसी भी पराई महिला की ओर आकर्षित नहीं होता है तो वह जीवन भर अपने लव लाइफ में सफल होता है। चाणक्य का मानना है कि प्रेमी का यह गुण रिश्ते में विश्वास पैदा करता है।
3. पार्टनर की सुरक्षा– जिस व्यक्ति पर प्रेमिका या पत्नी को विश्वास रहता है कि वो किसी भी हालत में उसकी सुरक्षा के लिए तैयार रहेगा। ऐसे रिश्ते में कभी कड़वाहट नहीं आती है। हर स्त्री अपने पति में पिता का साया खोजती है। ऐसे में यह भाव मिलने पर रिश्ता हमेशा कायम रहता है।
4. संतुष्टि- चाणक्य कहते हैं कि प्रेम के रिश्ते में प्रेमिका या पत्नी की संतुष्टि अहम होती है। जो प्रेमी भौतिक सुख के साथ शारीरिक सुख प्रदान करता है। वह हमेशा अपने रिश्ते में खुशी बनाए रखता है।