रामलला के मंदिर के लिए सिंधी समाज ने किया 200 किलो चांदी दान
विश्व सिंधी सेवा संगम संगठन से जुड़े सिंधी समाज के लोगों ने मंगलवार को रामलला के मंदिर के लिए 200 किलो चांदी दान स्वरूप दी. यह चांदी एक-एक किलो ईंट की शक्ल में थी. दान से पहले चांदी की ईंटों से भरे बक्से सिर पर रख कर जिस तरह लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगाए वह अपने आप में अद्भुत था.
विश्व सिंधी सेवा संगम संगठन भारत के सिंधी समाज का ही प्रतिनिधित्व नहीं करता बल्कि विदेशों के सिंधी समाज का भी प्रतिनिधित्व करता है यही कारण था कि भारत के अलग-अलग प्रदेशों से ही नहीं बल्कि नेपाल समेत 3 देशों के भी सिंधी समाज के प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में मौजूद थे.
इसमें भाजपा के पूर्व विधायक विजय जौली भी शामिल थे जो 1992 में कार सेवा के समय लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के साथ अयोध्या आए थे.
उन्होंने कहा कि उसके बाद से अब अयोध्या आने पर उस समय की घटनाएं चलचित्र की तरह आज भी उनके मस्तिष्क में चलती रहती है. चाहे कोई किसी भी धर्म को मानने वाला हो लेकिन वह प्रभु श्री राम के सामने नतमस्तक होता है।
विश्व सिंधी सेवा संगठन के प्रमुख राजू मनवानी ने बताया कि हम पूरे सिंधी समाज की तरफ से 200 किलो चांदी एक-एक किलो की ईट है जो आज हम चंपत राय को रामलला के लिए डोनेशन के लिए लेकर आए हैं.
हिंदुस्तान के हमारे सभी स्टेट के डेलिगेशन और लगभग 17 से 18 देशों कभी डेलिगेशन हमारे साथ है. उन्होंने कहा कि 500 साल के बाद रामलला को जगह मिली है.
दिल्ली के पूर्व विधायक विजय जौली ने कहा कि 28 साल के बाद वे फिर अयोध्या आए हैं. 6 दिसंबर 1992 को लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के साथ आया था. तब मैं भारतीय जनता पार्टी में युवा मोर्चा का पदाधिकारी होता था. लेकिन 28 साल के बाद प्रभु श्री राम ने मुझे अपने चरणों में फिर बुलाया है.