नीदरलैंड्स में सख्त कर्फ्यू का विरोध पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प
नीदरलैंड्स में लगातार तीसरे दिन कोरोना वायरस कर्फ्यू पर हिंसा, बवाल, आगजनी, विरोध और प्रदर्शन जारी रहा. सरकार ने उपद्रवियों के आगे झुकने से इंकार कर दिया है.
लॉकडाउन में प्रदर्शनकारी जेलीन शहर की सड़कों पर रात के सख्त कर्फ्यू के खिलाफ निकल आए. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई. इससे पहले सप्ताहांत में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला किया था.
नेशनल इंस्टीट्यूट फोर हेल्थ की तरफ से कोरोना वायरस के ‘ब्रिटिश वेरिएन्ट’ के कारण संक्रमण की नई लहर के बारे में चेतावनी के बाद कर्फ्यू लगाया गया था क्योंकि सोमवार को संक्रमण के 4 हजार 129 नए मामले दर्ज किए गए थे.
वित्त मंत्री वोपके होएकट्रा ने कहा कि उपद्रव करनेवाले वैध प्रदर्शनकारी नहीं हैं. नीदरलैंड्स के प्रधानमंत्री मार्क रूटे ने हिंसा को अस्वीकार्य बताया है क्योंकि उपद्रवियों ने सोमवार को पूरे शहर में हंगामा किया.
दंगे की चपेट में रॉटर्डम और एम्स्टर्डम जैसे शहर भी आ गए. पुलिस का उपद्रवियों के साथ टकराव देखने को मिला. पुलिस के पानी की बौछार छोड़ने के बावजूद प्रदर्शनकारी दुकानों की खिड़कियों को तोड़ने में कामयाब रहे.
दंगा बढ़कर कई शहरों तक फैल गया. खबरों में बताया गया है कि पुलिस ने एम्स्टर्डम, ऐंधोवेन और दूसरे शहरों में प्रदर्शन के दौरान पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले छोड़े.
डच सरकार ने नीदरलैंड्स में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार कर्फ्यू लगाया है. ये कर्फ्यू शनिवार देर रात से प्रभावी है. कर्फ्यू का समय रात 9 बजे से लेकर सुबह 4.30 बजे तक है और 10 फरवरी तक जारी रहने की उम्मीद है.
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते अब तक 13 हजार 500 से ज्यादा मौत हो चुकी है और संक्रमण के करीब 10 लाख मामले दर्ज किए गए हैं. कई शहरों के मेयरों ने प्रतिबद्धता जताई है कि हिंसा को रोकने के लिए आपातकालीन उपाय किए जाएंगे.