दिल्ली पुलिस कमिश्नर से गृह मंत्री अमित शाह ने हुई हिंसा का लिया जायजा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में शामिल लोगों की जल्द से जल्द पहचान करने का आदेश दिया है।
शाह ने हिंसा की घटना के दूसरे दिन बुधवार को दिल्ली के ताजा हालात की समीक्षा के लिए एक मीटिंग की जिसमें उन्होंने दिल्ली पुलिस से कहा कि हिंसा एवं देशविरोधी गतिविधियों में शामिल एक भी व्यक्ति गिरफ्त से बचना नहीं चाहिए।
दिल्ली पुलिस अब तक 25 एफआईआर दर्ज कर चुकी है जिनमें 50 किसान नेताओं को नामजद किया गया है। वहीं, करीब 70 उपद्रवियों पर भी शिकंजा कसा जा चुका है।
इनमें करीब 20 की गिरफ्तारी हुई है जबकि करीब 50 उपद्रवियों को अभी हिरासत में रखा गया है। बुधवार की मीटिंग में दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने गृह मंत्री शाह को इन सबकी विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि अब दिल्ली पुलिस का पूरा फोकस अगले कुछ दिनों में सीसीटीवी और वीडियो फुटेज खंगालकर साक्ष्य जुटाने और उन लोगों की पहचान करने पर होगा जिन्होंने हिंसा के लिए उकसाया और जो खुद हिंसा में शामिल रहे।
जांच इस बात की जाएगी कि इतना बड़ा बवाल काटने के लिए फंड और संसाधन कहां से मुहैयार कराई गई। सूत्रों की मानें तो पहचान में आने वाले सभी उपद्रवियों, किसान संगठनों के नेताओं पर कड़ी कार्रवाई होना तय है।
सूत्रों की मानें तो प्रवर्तन निदेशालय भी दिल्ली पुलिस की एफआईआर के आधार पर किसान नेताओं के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर सकता है। सरकार को शक है कि कुछ किसान नेता देशविरोधी संगठनों से फंडिंग ले रहे हैं।
फिलहाल ईडी कानूनी सलाह लेने वाली है जिसके बाद ही आगे कदम बढ़ाया जाएगा। एनआईए प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की ओर से किसान नेताओं को हुई फंडिंग के मामले में पहले से ही केस दर्ज कर जांच कर रही है।
उधर, किसान नेताओं ने भी स्थिति की गंभीरता समझते हुए चालाकी दिखाई और खुद को हिंसा एवं उत्पात की घटनाओं से खुद को अलग कर लिया। दो किसान संगठन ने तो आंदोलन भी खत्म कर दिया।
हालांकि, अभी आंदोलन में डटे किसान संगठनों के नेताओं ने जोर देकर कहा कि ट्रैक्टर परेड के दौरान बाहरी तत्वों ने बवाल काटा जिसकी जांच होनी चाहिए।