बिहार के बड़े अर्थशास्त्री डॉ शैबाल गुप्ता का हुआ निधन
बिहार के बड़े अर्थशास्त्री, समाज विज्ञानी और एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट के संस्थापक डॉ शैवाल गुप्ता का गुरुवार को निधन हो गया. लंबे समय से बीमार चल रहे डॉ गुप्ता 67 वर्ष के थे.
डॉ शैवाल गुप्ता के निधन पर राज्यपाल फागू चौहान व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक जताते हुए कहा कि उनके निधन से आर्थिक और सामाजिक जीवन को अपूरणीय क्षति हुई है.
उन्होंने बिहार और देश का नाम रौशन किया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वे बेहद करीबी माने जाते थे और उन्होंने बिहार सरकार की कई योजनाओं को अंतिम स्वरूप भी प्रदान किया था. उनने उनके निधन पर सीएम नीतीश ने दुख जताते हुए उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ करने की घोषणा की है.
मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा किस शैवाल गुप्ता ने बिहार ही नहीं देश और दुनिया की कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थानों में प्रमुख भूमिका निभाई थी. उन्होंने बिहार में वित्त आयोग के सदस्य के साथ ही कई संस्थाओं के अपने अनुभवों का लाभ पहुंचाया था.
बिहार के कई आर्थिक सुधारों में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है वे आर्थिक एवं राजनीतिक मामलों के विशेषज्ञ के तौर पर भी जाने जाते थे उनके निधन से आर्थिक सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र को अपूरणीय क्षति हुई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सवाल गुप्ता जी से मेरा व्यक्तिगत संबंध था. उनके निधन से मैं काफी मर्माहत हूं. उनकी कमी हमेशा खलती रहेगी. बता दें कि डॉ गुप्ता का अंतिम संस्कार आज
पटना के गुलबी घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा डॉ शैवाल गुप्ता इंस्टीट्यूशन बिल्डर के रूप में जाने जाते थे. आद्री की स्थापना उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि रही है.
सामान्य तौर पर विकासमूलक अर्थशास्त्र एवं खासतौर पर बिहार के विकास की चुनौतियों पर उनके योगदान ने राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर लोगों का ध्यान खींचा.
डॉ शैवाल गुप्ता की बिहार विधानमंडल में पेश होने वाली आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट को तैयार कराने में भी विशेष भूमिका रहती थी. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश होने के बाद विधानसभा में वित्त मंत्री के प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी वे मौजूद रहते थे और रिपोर्ट पर अपनी टिप्पणी देते थे.
वे सामाजिक और राजनीतिक मामलों के भी बड़े जानकार एवं विश्लेषक थे. राष्ट्रीय प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उनके लेख और बातें सुनने-पढ़ने को मिलती थीं. वे अपने पीछे पत्नी, बेटी, दामाद और नतीनी को छोड़ गए हैं. ये सभी उनके निधन के समय उनके पास उपस्थित थे.