केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा लाल किले की इमारत को हुई क्षति
गणतंत्र दिवस पर हिंसा और उपद्रव की घटना के बाद लाल किले की ऐतिहासिक इमारत को अपूरणीय क्षति पहुंची है. ये बात केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कही है.
उन्होंने रिपोर्टर्स से बातचीत के दौरान बताया कि तिरंगा फहराने की जगह के करीब स्थापित किए गए दो ऐतिहासिक पीतल के कलश गायब हैं. किले का मुख्य दरवाजा भी क्षतिग्रस्त हुआ है.
पटेल ने कहा क्षतिग्रस्त हुई कलाकृतियां बेहद अमूल्य थीं. कितना भी पैसा खर्चकर इनकी भरपाई मुमकिन नहीं. हालांकि सरकार 26 जनवरी के दौरान हुई झड़प में 17वीं शताब्दी की इस इमारत को हुए आर्थिक नुकसान का लेखाजोखा तैयार कर रही है.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक-अधिकारियों ने बताया कि लाल किले को प्रदर्शनकारियों ने बेहद नुकसान पहुंचाया है. किले की गुंबद के ऊपरी हिस्से पर मौजूद कम से कम तीन बेशकीमती कलश गायब हैं.
टिकट काउंटर में तोड़ फोड़ हुई. टॉयलेट, एअर कंडीशनर को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. किले के महत्व को बताने के लिए जगह-जगह लगी शिलाओं को उखाड़ फेंका गया.
स्टाफ रूम्स में तोड़-फोड़ हुई. सीढ़ियां और रेलिंग तोड़ी गईं. सीसीटीवी कैमरे को तोड़ा गया. अधिकारियों के मुताबिक प्रदर्शन के दौरान हुई तोड़फोड़ को ठीक करने में महीनों लगेंगे. किले के बाहर लाइट, किले का मुख्य दरवाजा समेत कई कीमती चीजों के साथ तोड़फोड़ हुई.
संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने बताया कि 72वीं रिपब्लिक परेड प्रदर्शनी को भी प्रदर्शनकारियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया. इसे सैलानियों के लिए किले में रखा जाना था.
पटेल ने बताया रिपोर्ट पुलिस को सौंपी जा चुकी है. आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने पुलिस से संपर्क साधकर कहा है कि ऐतिहासिक इमारत को क्षतिग्रस्त करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
एएसआइ ने पुलिस से तोड़फोड़ करने वालों पर द एनसियंट मोन्युमेंट ऐंड आर्कियोलोजिकल ऐंड आर्कियोलोजिकल साइट्स ऐंड रिमेंस एक्ट के तहत कार्रवाई करने की अपील की है.