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आज से माघ मास हो रहा है आरंभ सूर्य देव की करे उपासना

पंचांग और ज्योतिष गणना के अनुसार माघ महीने का आरंभ हो चुका है. 29 जनवरी से माघ आरंभ हो रहा है. पौष मास समाप्त हो चुका है. माघ मास का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व भी है.

माघ के महीने में पवित्र नदी में स्नान, दान आदि के लिए अत्यंत शुभ माना गया है. इस माह में भगवान विष्णु की पूजा करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है. इस महीने कल्पवास किया जाता है. माघ मास में ही युधिष्ठिर ने महाभारत युद्ध के युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए अपने सगे संबंधियों को सदगति दिलाने के लिए कल्पवास किया था.

माघ मास का समापन 27 फरवरी 2021 को होगा. माघ के महीने को हिंदू कैलेंडर के अनुसार वर्ष का ग्यारहवाँ महीना माना गया है.

मान्यता है कि माघ मास में पवित्र नदियों में स्नान करने से सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्त होती है. ये ऊर्जा कई प्रकार के रोगों से भी बचाती है. माघ मास में अनुशासित जीवन शैली को अपनाने से कई प्रकार की समस्याओं से भी मुक्ति मिलती है. मकर संक्रांति के बाद दिन बड़ा और रात छोटी होने लगती है.

माघ मास में धूप लेने से कई प्रकार की सेहत संबंधी परेशानियां दूर होती हैं. इसीलिए इस मास में सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. माघ के महीने में सूर्य से निकलने वाली किरणे सेहत के लिए बेहद लाभकारी मानी गई हैं.

इसीलिए माघ के महीने में निकलने वाली धूप हर किसी को आकर्षित कर रही है. सूरज की रोशनी कई रोगों से बचाती है. सूरज की रोशनी विटामिन डी का सबसे अच्छा माध्यम है. विटामिन डी की कमी से कैंसर जैसे घातक रोग होने की संभावना बढ़ जाती है.

हड्डियां कमजोर होने लगती है. कई और तरह की दिक्कत होने लगती है. इसलिए शरीर में विटामिन डी की कमी नहीं होनी चाहिए. इस समय जो धूप निकलती हैवो शरीर के लिए बहुत उपयोगी होती है.

सर्दियों के मौसम में जन्में बच्चों को यह धूप जरूर दिखानी चाहिए. बच्चों को धूप दिखाने से निमोनिया और सर्दी से जुड़ी बीमारियों से बचाया जा सकता है. वहीं बुजुर्गों को भी इस धूप में कुछ देर बैठना चाहिए. इससे उन्हें हड्डियों से जुडीं दिक्कतों में आराम मिलता है.

माघ के महीने में भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है. माघ स्नान, दान और सूर्य पूजा से पापों से मुक्ति मिलती है. माघ के महीने में सूर्य मंत्र, गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए.

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