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कोरोना संक्रमण के चलते हरिद्वार कुंभ मेले का नोटिफिकेशन फिलहाल फरवरी में जारी नहीं होगा। पहले इसकी संभावना जताई जा रही थी कि राज्य सरकार 27 फरवरी को माघ पूर्णिमा स्नान से पहले हरिद्वार कुंभ मेले का नोटिफिकेशन जारी कर देगी। इस लिहाज से माघ पूर्णिमा स्नान अधिकृत तौर पर हरिद्वार कुंभ का पहला स्नान हो जाता, साथ ही कुंभ मेले की अवधि भी 48 की बजाए 60 दिनों की हो जाती, लेकिन, हरिद्वार कुंभ पर जारी केंद्र सरकार की एसओपी और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की एडवाइजरी के बाद बदले हालातों में अब इसके अप्रैल में जारी होने की संभावना जताई जा रही है।
शहरी विकास मंत्री व उत्तराखंड सरकार के शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक का कहना है कि सरकारी तौर पर कुंभ का पहला शाही स्नान 11 मार्च को होना है। सरकार, बदले हालातों में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के साथ चर्चा करने के बाद ही कुंभ मेला के लिए नोटिफिकेशन जारी करेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की कुंभ मेला अवधि घटाने संबंधी एडवाइजरी पर सरकार विचार कर रही है। कुंभ मेला की परंपरा के अनुसार हरिद्वार और प्रयागराज में जिस वर्ष में कुंभ होता है, उस राज्य की सरकार उस वर्ष एक जनवरी को कुंभ मेला का नोटिफिकेशन जारी कर देती है। इस लिहाजा मकर संक्रांति स्नान कुंभ का पहला स्नान पर्व होता है, लेकिन हरिद्वार में इस वर्ष कुंभ मेला नोटिफिकेशन जारी न होने से मकर संक्रांति स्नान, सामान्य पर्व स्नान की तरह ही संपन्न हुआ।
इसके बाद हरिद्वार के व्यापारिक वर्ग ने सरकार से मेला नोटिफिकेशन जारी करने, कुंभ मेला की अवधि बढ़ाए जाने की मांग की थी। उनका कहना था कि कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण उनकी आर्थिकी पर विपरीत असर पड़ा है, कुंभ में अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के आने से उसकी भरपाई हो सकेगी। इसके बाद उम्मीद जगी थी कि कुंभ का नोटिफिकेशन 20 फरवरी के बाद कभी भी जारी हो जाएगा, जिससे मेला अवधि 48 से 60 दिनों की हो जाएगी। जबकि केंद्र सरकार की एसओपी के बाद हरिद्वार में हलचल तेज हो गई है।
हरिद्वार कुंभ के 11 मार्च से विधिवत शुरुआत होने की बात की जा रही है, घोषित तौर पर महाशिवरात्रि के इस दिन पहला शाही स्नान भी है। पर, चर्चा यह भी है कि सरकार इसे भी अन्य स्नान पर्व की भांति ही संपन्न कराने की सोच रही है। माना जा रहा है कि कुंभ का नोटिफिकेशन शास्त्रीय मान्यताओं, नक्षत्रीय संयोग के मुताबिक पांच अप्रैल के बाद जारी किया जाएगा। क्योंकि इस दिन ही गुरु बृहस्पति कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। हरिद्वार कुंभ के लिए गुरु बृहस्पति का कुंभ राशि और सूर्य का मेष राशि में एक साथ होना आवश्यक है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस वर्ष यह संयोग 14 अप्रैल को बन रहा है। ऐसे में इससे पहले कुंभ के आयोजन का कोई औचित्य नहीं है।