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उत्तराखंड को सबसे अधिक राजस्व देेने वाले ऊर्जा निगम के हाल बेहाल, पिथौरागढ़ में 80% पद रिक्त

प्रदेश को सबसे अधिक राजस्व देेने वालों में शामिल ऊर्जा निगम का हाल बेहाल है। चार दशक पूर्व स्वीकृत ढांचे में भी 80 फीसद पद खाली पड़े हैं। मात्र 49 कर्मचारियों पर विभाग को चलाने की जिम्मेदारी है और इन्हीं को 37 करोड़ की वसूली का लक्ष्य भी पूरा करना है।

ऊर्जा निगम की पिथौरागढ़ इकाई में चार दशक पूर्व अभियंता से लेकर चतुर्थ श्रेणी तक के 248 पद स्वीकृत किए गए थे। चार दशक में 199 पद रिक्त हो गए हैं। वर्तमान में निगम में मात्र 49 कर्मचारी रह गए हैं। इन कर्मचारियों पर आपूर्ति बनाए रखने, फाल्ट दूर करने, लाइन का रखरखाव, आफिस संबंधी कार्यो के साथ ही वसूली का भी दायित्व है।

विभाग को इस वर्ष 37 करोड़ का राजस्व वसूलने का लक्ष्य दिया गया था। वित्तीय वर्ष समाप्त होने में अब मात्र दो माह का समय बचा हुआ है और विभाग को अभी 10 करोड़ की वसूली करनी है। वसूली में कर्मचारियों की कमी सबसे बड़ी बाधा साबित हो रही है। स्थानीय स्तर से कर्मचारियों की तैनाती के लिए निगम मुख्यालय को लिखा जा रहा है, लेकिन रिक्त पद भरने के लिए कोई पहल नहीं हो रही है।

ऊर्जा निगम के बड़े बकायादार 

1. बीएसएनएल- 16 लाख

2. शिक्षा विभाग- 32 लाख

3. चिकित्सा-    36 लाख

4. अन्य सरकारी- 36 लाख

पद हैं 248 और कर्मचारी 49  

अधिशासी अभियंता, ऊर्जा निगम नितिन गर्खाल ने बताया कि विभाग में इस समय 49 कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि विभागीय ढांचा 248 का है। वर्तमान में कांट्रेक्ट आधार पर कर्मचारी तैनात किए गए हैं, जिनसे वसूली आदि भी कराई जा रही है। विभाग को मार्च तक 10 करोड़ रुपये की वसूली और करनी है।

 

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