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बिहार में 94 हज़ार शिक्षकों की नियुक्ति अटकी, डिग्रियों की जांच के बाद ही अभ्यर्थियों को प्रदान होगा नियुक्ति पत्र

बिहार के प्रारंभिक स्कूलों में छठे चरण के तहत 94 हजार प्रारंभिक शिक्षकों के रिक्त पदों पर होने वाली भर्तियों में पहले से चली आ रही प्रक्रिया बदली हुई नजर आएगी। अंतिम रूप से चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र उनके प्रमाण पत्रों की जांच के बाद ही प्रदान किए जाएंगे। अभ्यर्थियों के सभी शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच होगी।

इसके साथ ही प्रत्येक अभ्यर्थी के शिक्षक पात्रता परीक्षा अर्थात टीईटी और सीटीईटी की उत्तीर्णता को भी जांचा-परखा जाएगा। तमाम डिग्रियों की जांच में हरी झंडी पाने वाले अभ्यर्थियों को ही नियुक्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। तब जाकर उनके वेतन का भी भुगतान हो सकेगा। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने मीडिया से बातचीत में 94 हजार शिक्षक पदों पर छठे चरण के तहत अपनायी जाने वाली नियुक्ति प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमारा खास तरजीह TET और STET की उत्तीर्णता की जांच पर होगा।

इसके साथ ही नियोजन इकाइयों से मेधा सूची भी ली जाएगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, संभव है कि जिन डिग्रियों के आधार पर अभ्यर्थियों ने मेधा सूची में जगह पायी है, उसका भी मिलान किया जा सके। हालांकि काउंसिलिंग पहले हो जाएगी। शिक्षा विभाग जल्द इसे आयोजित करने की कोशिश कर रहा है। काउंसिलिंग के वक़्त ही अभ्यर्थियों की डिग्रियां ली जाएंगी और उन्हें वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। फिर इनके जांच की कार्रवाई होगी।

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