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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को किया सूचित, राजीव गांधी के हत्यारे की क्षमा याचिका पर फैसला लेने में सक्षम अथारिटी

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि तमिलनाडु के राज्यपाल का यह मत है कि भारत के राष्ट्रपति पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड मामले में दोषियों में एक एजी पेरारिवलन की क्षमा याचिका पर फैसला लेने में सक्षम अथारिटी हैं।

गुरुवार को शीर्ष कोर्ट में दाखिल किए गए अपने हलफनामे में मंत्रालय ने कहा कि तमिलनाडु के राज्यपाल ने सभी तथ्यों पर गौर किया है और सभी संबंधित दस्तावेजों का अध्ययन किया है। राज्यपाल का मत है कि भारत के राष्ट्रपति पेरारिवलन की क्षमा याचिका पर फैसला लेने में पूरी तरह सक्षम हैं। मंत्रालय ने कहा कि प्राप्त प्रस्ताव पर केंद्र सरकार द्वारा कानून सम्मत विचार किया जाएगा। 21 जनवरी को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष कोर्ट को सूचित किया था कि तमिलनाडु के राज्यपाल पेरारिवलन की जल्द रिहाई के मामले में तीन-चार दिन में फैसला ले लेंगे।

यह मामला राजनीतिकरूप से इसलिए महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि राज्य में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। न्यायमूर्ति एल नागेश्वरराव की अध्यक्षतावाली शीर्ष कोर्ट की पीठ में दाखिल अपने हलफनामे में मेहता ने कहा कि संविधान के तहत प्रदत्त अधिकारों के तहत इस संबंध में अगले तीन-चार दिनों में निर्णय ले लिया जाएगा। बता दें कि शीर्ष कोर्ट पेरारिवलन की तमिलनाडु के राज्यपाल के यहां दो साल से ज्यादा समय से लंबित याचिका पर हीलाहवेली को लेकर असंतोष जता चुका है। पेरारिवलन ने अपनी जल्द रिहाई की मांग को लेकर शीर्ष कोर्ट में याचिका दायर की है। उसने अपनी रिहाई के लिए 2018 में राज्य सरकार द्वारा की गई सिफारिश का भी उल्लेख किया है।

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