यूपी : मंदिरो में लोगों को शुद्ध प्रसाद मिले इसके लिए केंद्र सरकार ने भोग योजना की शुरुआत की
भगवान के ‘भोग’ पर भी अब खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन अनुभाग की नजर रहेगी। लोगों को शुद्ध प्रसाद मिले। इसके लिए शासन की ओर से भोग (ब्लेसफुल हाइजेनिक ऑफरिंग टु गॉड) योजना की शुरुआत की गई है। इसके तहत शहर में उझानी रोड स्थित बालाजी दरबार और नगला मंदिर का चयन किया गया है। समय-समय पर अधिकारी मौके पर जाकर प्रसाद की गुणवत्ता देखेंगे। साथ ही लोगों को भी स्वच्छ प्रसाद बांटने और ग्रहण करने के लिए जागरूक किया जाएगा।
एफएसएसएआई द्वारा भोग योजना शुरू करने के पीछे मंशा है कि धार्मिक स्थलों में खाद्य स्वच्छता की अच्छी रीतियों को बढ़ावा दिया जाए। इसमें खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 तथा विभिन्न विनियमों के अनुसार उन धार्मिक स्थानों के अनिवार्य लाइसेंसिंग अथवा पंजीकरण शामिल हैं, जहां भोजन तैयार किया जाता है और परोसा जाता है। यह योजना ईट राइट इनिशियेटिव का हिस्सा है, जिसमें धार्मिक स्थानों में प्रसाद व भोजन परोसने वाले फूड हैंडलर्स व उस स्थान के आसपास मौजूद वेंडर्स को प्रशिक्षित भी किया जाता है।
उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में यह योजना लागू की गई है। हालांकि शहर में इस प्रकार का कोई मंदिर नहीं है जहां नियमित प्रसाद या भंडारे की व्यवस्था हो लेकिन योजना में शहर के बदायूं-उझानी रोड स्थित बालाजी दरबार तथा शक्तिपीठ नगला मंदिर को शामिल किया गया है। पिछले दिनों डीएम कुमार प्रशांत की मौजूदगी में इस संबंध में हुई बैठक में भी इस योजना पर चर्चा की गई थी।
उझानी रोड पर स्थित बालाजी दरबार में हर मंगलवार और शनिवार को काफी भक्तों की भीड़ जुटती है। कुछ लोगों द्वारा यहां प्रसाद का वितरण भी किया जाता है, साथ ही बाहर भी कई प्रसाद वाले खड़े होते हैं। इसके अलावा नगला मंदिर पर भी भक्त रोजाना देवी दर्शन को पहुंचते हैं। नवरात्र में तो यहां भारी भीड़ होती है। लोग यहां कन्या भोज भी कराते हैं। भोग योजना के तहत अब खाद्य विभाग की टीम यहां समय समय पर निरीक्षण कर न केवल प्रसाद की गुणवत्ता को देख रही है बल्कि लोगों को भी जागरूक करने का काम किया जा रहा है।
शासन के निर्देश पर सभी जिलों में भोग योजना शुरू की गई है। बदायूं में पहले बालाजी दरबार का चयन किया गया था लेकिन बाद में नगला मंदिर को भी शामिल कर लिया गया है। योजना के मद्देनजर विभाग की टीम समय समय पर मंदिरों का निरीक्षण कर प्रसाद आदि वितरण को देख रही है कि वहां सफाई आदि का ध्यान रखा जा रहा है या नहीं। दोनों ही मंदिरों पर व्यवस्थाएं बेहतर हैं।