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ग्लोबल सप्लाई चेन में यूपी की इकाइयों को सम्मिलित किए जाने हेतु विस्तृत निर्यात रणनीति तैयार कराने का निर्णय -डा0 नवनीत सहगल

अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन डा0 नवनीत सहगल ने कहा कि उत्तर प्रदेश से निर्यात को बढ़ाने के लिए आगामी माह में टेक्सटाइल्स व अपैरल्स, कारपेट, रग्स

लेदर उत्पाद, फुटवियर तथा होमब्यूटी व गिफ्ट्स से सम्बन्धित ग्लोबल आॅनलाइन शोज सहित पांच वर्चुअल प्रदर्शिनियों का आयोजन जायेगा। इसके साथ ही ग्लोबल सप्लाई चेन में यूपी की इकाइयों को सम्मिलित किए जाने हेतु एक विस्तृत निर्यात रणनीति भी तैयार कराई जायेगी।
यह निर्णय डा0 सहगल की अध्यक्षता में निर्यात प्रोत्साहन भवन में आयोजित ‘उत्तर प्रदेश निर्यात संवर्धन परिषद’ के निदेशक मण्डल की बैठक लिये गये। डा0 सहगल ने कहा कि परिषद द्वारा दिसम्बर 2020 में ईईपीसी इंडिया के सहयोग से प्रदेश की 40 इंजीनियरिंग इकाईयों को गल्फ कोआॅपरेशन काउंसिल देशों के साथ ‘एक्सेस मिडिल ईस्ट वर्चुअल एक्सपो’ में प्रतिभाग कराया गया।

साथ ही जनवरी माह में फेडरेशन आॅफ इंडियन चैम्बर आॅफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज(फिक्की) के साथ जनपद वाराणसी में सात-दिवसीय जी.आई. प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। प्रदर्शनी में प्रदेश के विभिन्न जनपदों के जी.आई. पंजीकृत उत्पाद जैसे-सिद्धार्थनगर का कालानमक चावल, कन्नौज का इत्र,

फिरोजाबाद के कांच उत्पाद, बनारसी के लकड़ी के खिलौने, चंदौली का आदमचीनी चावल, बनारसी गुलाबी मीनाकारी, ब्रोकेड सिल्क उत्पाद, खुर्जा की पाॅटरी, मुरादाबाद तांबा पीतल उत्पाद आादि के 50 स्टाॅल्स लगाए गए, जिन्हें हस्त शिल्पियों/उत्पादकों को निःशुल्क आवंटित किया गया था।
डा0 सहगल ने कहा कि प्रदर्शनी में हस्त शिल्पियों व उत्पादकों को नया बाजार बनाने में मदद मिली, वहीं उत्तर प्रदेश की पारम्परिक कलाओं के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं। इससे व्यापार संवर्धन के साथ-साथ जी.आई. उत्पादों के सम्बन्ध में आम जनमानस में

जागरूकता भी पैदा हुई। प्रदर्शनी में लगभग रु0 3.00 करोड़ का व्यापार हुआ।
बैठक मे भारत सरकार के अधीनस्थ शिल्प निर्यात संवर्धन परिषद के महानिदेशक श्री राकेश शर्मा द्वारा भी वर्चुअल प्रतिभाग किया गया।

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