LIVE TVMain Slideदेश

अग्नि से पर्यावरण को होने वाली क्षति के सम्बन्ध में स्थानीय जनता को जागरूक किया जाय

प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष श्री सुनील कुमार पाण्डेय ने समस्त वनाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि स्थानीय स्तर पर गोष्ठियों व बैठकों का आयोजन कर वन अग्नि से पर्यावरण को होने वाली क्षति के सम्बन्ध में स्थानीय जनता को शिक्षित व जागरूक किया जाय।

साथ ही वनों की अग्नि से सुरक्षा के संबंध में वन अग्नि प्रबन्धन की आवश्यकता व महत्व के उन्हें जानकारी उपलब्ध करायें।

उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न प्रसार माध्यमों का उपयोग कर वनों के समीपवर्ती ग्रामों व कस्बों में अग्निकाल की अवधि व इस अवधि में वन क्षेत्र में प्रतिबन्धित गतिविधियों का व्यापक प्रचार किया जाय।

वन क्षेत्रों में प्रमुख स्थानों व निकासी चैकियों पर नोटिस लगाकर अग्निकाल की सूचना व इस अवधि में की जाने वाली सावधानियों का उल्लेख किया जाय।
श्री पाण्डेय ने यह निर्देश वनों की अग्नि से सुरक्षा एवं प्रभावी रणनीति तैयार किये जाने के संबंध में आयोजित बैठक में दिये। इसके साथ ही उन्होेंने कार्ययोजना में क्षेत्रों में नियंत्रित दाहन एवं नई अग्नि रेखाओं का निर्माण तथा रख-रखाव सुचारू रूप से करने तथा नियंत्रित दाहन को भूमि प्रबन्ध का उद्देश्य प्राप्ति के साधन के रूप में प्रयोग करने का निर्देश भी दिये हैं।

उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में वनों की अग्नि से सुरक्षा के लिए पूर्ण प्रयास करंे तथा प्रभाग में अग्नि प्रबन्धन के लिए उपलब्ध संसाधनों का दक्षता पूर्वक, प्रभावी रूप से प्रयोग करें।
श्री पाण्डेय ने यह भी कहा कि प्रत्येक प्रभागीय वनाधिकारी अपने समस्त फील्ड कर्मचारियों का भारतीय वन सर्वेक्षण देहरादून की वेबसाईट में मोबाईल एस0एम0एस0 अलर्ट हेतु पंजीकरण करायें। संरक्षित क्षेत्रों-राष्ट्रीय उद्यानों व वन्यजीव विहारों को अग्नि से बचाने हेतु विषेश सतर्कता बरती जाय।

उन्होंने कहा कि संरक्षित क्षेत्रों में वन अग्नि नियंत्रण व प्रबन्धन में ईको विकास समितियों का भी सक्रिय सहयोग प्राप्त किया जाय।

वन अग्नि नियंत्रण व प्रबन्धन में गठित विभिन्न समितियों यथा ‘संयुक्त वन प्रबन्ध‘ के अन्तर्गत गठित ग्राम वन समिति, इको विकास समिति, वन विकास अभिकरण व जनपद में अवस्थित अन्य संगठनों से सम्पर्क कर सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित कराई जाय।

Related Articles

Back to top button