मुख्यमंत्री ने ‘18वें सी0एस0आई0-एस0आई0जी0 ई-गवर्नेन्स अवॉर्ड्स-2020’ में विजेताओं को पुरस्कृत किया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि तकनीक आम जनमानस के जीवन में समृद्धि और खुशहाली का माध्यम है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी नेे सदैव तकनीक के महत्व पर बल दिया है।
वर्ष 2014 से ही उनके नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई योजनाओं में तकनीक का व्यापक प्रयोग किया गया। इससे वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान अंतिम पायदान के व्यक्ति तक आवश्यक मदद पहुंचाने में काफी सुविधा हुई। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रणाली को पुष्ट करने में तकनीक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां ‘18वें सी0एस0आई0-एस0आई0जी0 ई-गवर्नेन्स अवॉर्ड्स-2020’ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी द्वारा अवॉर्ड विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने संस्था की स्मारिका ‘एट्टीन्थ एनीवर्सरी ऑफ द अवॉर्ड्स’ एवं पुस्तक ‘न्यू एरा इन डिजिटल गवर्नेन्स’ का विमोचन भी किया।
‘18वें सी0एस0आई0-एस0आई0जी0 ई-गवर्नेन्स अवॉर्ड्स-2020’ के अन्तर्गत राज्य वर्ग में उत्तर प्रदेश को पुरस्कृत किया गया। इसके अतिरिक्त राज्य को 07 अन्य पुरस्कार प्राप्त हुए।
‘अवॉर्ड ऑफ एक्सीलेन्स’ वर्ग में प्रदेश के ‘जनसुनवाई समाधान’ तथा ‘निवेश मित्र’, ‘अवॉर्ड ऑफ एप्रीसिएशन’ वर्ग में ‘सी0एम0 हेल्पलाइन-1076’, ‘रोजगार संगम’, ‘सी0एम0आई0एस0 (प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग सिस्टम)’ व ‘यू0पी0 स्किल डेवलपमेण्ट मिशन’ तथा ‘अवॉर्ड ऑफ रिकग्निशन’ वर्ग में ‘प्रेरणा (प्रॉपर्टी इवैल्यूएशन एण्ड रजिस्टेªेशन एप्लीकेशन)’ को पुरस्कृत किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने राज्य वर्ग में उत्तर प्रदेश को पुरस्कृत किए जाने के साथ-साथ 07 अन्य पुरस्कार भी प्रदान किए जाने पर प्रदेशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने ई-गवर्नेन्स के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रदर्शन के आधार पर पुरस्कृत किए गए विभागों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इससे अन्य विभागों व संस्थाओं को भी बेहतर कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ई-गवर्नेन्स के क्षेत्र में अग्रणी है। राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक व्यक्ति तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए तकनीक का भरपूर उपयोग किया जा रहा है।
प्रदेश की जनता को इसका लाभ मिल रहा है। साथ ही, प्रदेश की छवि में सकारात्मक बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि कम्प्यूटर सोसाइटी ऑफ इण्डिया द्वारा राज्य वर्ग में उत्तर प्रदेश को पुरस्कृत किए जाने के साथ ही, राज्य की 07 परियोजनाओं को भी पुरस्कृत किया जाना, इसका प्रमाण है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश मंत्रिमण्डल की आगामी बैठक ई-कैबिनेट के माध्यम से सम्पन्न होगी। 18 फरवरी, 2021 से विधान मण्डल का सत्र आहूत किया गया है।
सत्र के दौरान तकनीक के व्यापक प्रयोग के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए विधायकगण का प्रशिक्षण भी कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तकनीक का प्रयोग करते हुए पेपरलेस बजट प्रस्तुत करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिस भी क्षेत्र में तकनीक का प्रयोग हुआ, उसके अच्छे परिणाम प्राप्त हुए। प्रधानमंत्री जी द्वारा वर्ष 2014 में आमजन को बैंकिंग सुविधाएं सुलभ कराने के लिए जनधन खाते खुलवाए गए।
अभियान चलाकर लगभग 35 करोड़ लोगों के जनधन खाते खुलवाए गए। इससे कोरोना काल में डी0बी0टी0 के माध्यम से गरीब, निराश्रित व जरूरतमंद लोगों की आर्थिक सहायता किया जाना सम्भव हो सका। कोरोना की जांच, सम्बन्धित लोगों को रिपोर्ट पहुंचाने, सर्विलांस आदि में तकनीक के प्रयोग से सहूलियत हुई।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा ई-पॉस मशीनों के माध्यम से राशन की दुकानों से जरूरतमंदों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश की शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की सभी 80 हजार उचित दर की राशन की दुकानों से खाद्यान्न वितरण ई-पॉस मशीनों के माध्यम से होने से पारदर्शिता आयी है।
प्रदेश में राशन वितरण में लाभार्थियों की संतुष्टि का स्तर 96 प्रतिशत से अधिक है। इसके साथ ही, तकनीक के प्रयोग से पिछले 02 वर्ष में खाद्यान्न वितरण में राज्य को 2500 करोड़ रुपए की बचत भी हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ई-ऑफिस परियोजना संचालित की जा रही है। इससे शासकीय कार्यों में शीघ्रता, सुगमता व पारदर्शिता आयी है। विभिन्न विभागों में तकनीक के माध्यम से कार्यों का सम्पादन किया जा रहा है। गन्ना किसानों को गन्ने की पर्ची प्राप्त करने में परेशानी होती थी। तकनीक की मदद से अब किसान को गन्ने की पर्ची उसके मोबाइल पर प्राप्त हो जाती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा अपै्रल, 2020 में ‘स्वामित्व योजना’ प्रारम्भ की गई। इस योजना के अन्तर्गत ड्रोन के माध्यम से एक-एक घर की मैपिंग कर लोगों को उनके घर के स्वामित्व के अभिलेख प्रदान किए जा रहे हैं।
इससे गांव में होने वाले भूमि के विवाद समाप्त होंगे। उन्होंने कहा कि आज ही 11 जनपदों के 01 हजार गांवों के 01 लाख 57 हजार परिवारों को उनके घर के मालिकाना हक के अभिलेख उपलब्ध कराए गए हैं।
इस अवसर पर स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क, पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रविन्द्र जायसवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार, श्री सुरेन्द्र सिंह, विशेष सचिव मुख्यमंत्री श्री अमित सिंह, श्री विशाख सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।