कानपुर: पुलिस ने पिता को धरने से उठाया तो सपाइयों ने शुरू किया हंगामा, विधायक की भी नहीं सुनी
किशोरियों की हत्या के बाद गांव का माहौल बेहद गर्म है। घटना में राजनीतिक हलचल होने से पुलिस प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं। गुरुवार की सुबह से धरने पर बैठे सपाइयों ने थाने से लौटकर आए मृतका के पिता को भी अपने साथ बिठा लिया। पुलिस ने पीड़ित पिता को हटाना चाहा तो सपाइयों ने जमकर हंगामा किया। भाजपा विधायक अनिल सिंह ने भी समझाने के प्रयास किया तो उनकी भी नहीं सुनी। करीब एक घंटे तक हंगामा चलता रहा।
सपा के नेता मामले में भाजपा सरकार और पुलिस को निशाने पर लिए हुए हैं। सुबह सपाइयों ने मृतक किशोरियों के स्वजन को पुलिस द्वारा थाने ले जाने को लेकर धरना शुरू कर दिया था। इसके बाद दबाव में आई पुलिस ने एक किशोरी के पिता को छोड़ दिया तो उनके गांव आते ही सपाइयों ने उन्हें भी धरने पर बिठा लिया। इसपर पुलिस ने पीड़ित पिता को धरने से हटाना चाहा तो सपाइयों ने हंगामा शुरू कर दिया। किसी तरह पुलिस पीड़ित पिता को धरना स्थल निकाल सकी और पड़ोस के घर में चारपाई पर लिटा दिया। इस दौरान पुलिस और भीड़ के बीच धक्का मुक्की भी हुई। सपाई करीब एक घंटे तक पुलिस के खिलाफ आक्रोश जताते रहे। इसी दौरान पहुंचे विधायक अनिल सिंह ने समझाने का प्रयास किया तो भीड़ ने नारेबाजी शुरू कर दी।
शवों को दफनाने के लिए गड्ढा खोदने से रोका
वहीं, दोनों शवों के पोस्टमार्टम के बाद गांव में अंतिम संस्कार के लिए जब पुलिस-प्रशासन ने शवों को दफनाने के लिए गड्ढे खोदवाने के लिए बुलडोजर मंगवाया तो धरने पर बैठे सपाइयों ने मृतक के परिवार की महिलाओं को आगे कर गड्ढा खोदवाने से मना कर दिया। स्वजनों ने कहा कि वह स्वयं गड्ढा खोदेंगे। भारी विरोध व नारेबाजी के बीच पुलिस को बुलडोजर रोकना पड़ा।