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प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण को प्रभावी रूप से नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की: राज्यपाल

राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी ने आज यहां उत्तर प्रदेश विधान मण्डल के दोनों सदनों के वर्ष 2021 के प्रथम सत्र के समवेत अधिवेशन को सम्बोधित किया। अपने सम्बोधन में राज्य सरकार की प्रमुख विकासोन्मुख नीतियों एवं जनकल्याणकारी योजनाओं की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि शीघ्र ही वित्तीय वर्ष 2021-22 का आय-व्ययक सदन में प्रस्तुत किया जाएगा।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रदेश की आम जनता के हित में सभी सदस्यगण राज्य सरकार का सहयोग कर जनआकांक्षाओं को पूरा करने में अपना बहुमूल्य योगदान करेंगे तथा इस सदन की उच्च गरिमा व पवित्रता को बनाये रखेंगे।
राज्यपाल जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने कोरोना संकट काल में दृढ़ इच्छा शक्ति, परिपक्वता, कौशल, संवेदनशीलता एवं सामूहिक भावना के साथ कोरोना संक्रमण को प्रभावी रूप से नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की है, जिसकी सराहना प्रधानमंत्री जी व विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी की। राज्य सरकार ने कोविड-19 के दृष्टिगत लॉकडाउन के दौरान भी सभी आवश्यक कार्याें की निरन्तरता को प्रभावित किये बिना प्रदेश के समस्त सरकारी कार्मिकों का वेतन भुगतान अबाधित रूप से किया।
राज्यपाल जी ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में कोरोना संक्रमण की जांच हेतु सार्वजनिक क्षेत्र में 125 लैब तथा निजी क्षेत्र में 104 लैब क्रियाशील हैं। कोविड रोगियों हेतु डेढ़ लाख से अधिक बेड तथा प्रत्येक जनपद में आई0सी0यू0 की व्यवस्था कर हेल्थ सेक्टर को सुदृढ़ बनाने हेतु किये गये कार्याें की राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की गयी। कोरोना टीकाकरण के लिए 02 स्वदेशी वैक्सीन का युद्धस्तर पर प्रयोग तथा मित्र देशों को भी उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की श्रृंखला तोड़ने के लिए वर्तमान में वृहद स्तर पर कोरोना टीकाकरण किया जा रहा है।
राज्यपाल जी ने कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार द्वारा 40 लाख प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को परिवहन निगम की बसों से गृह जनपद भेजने, चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराने, स्थानीय स्तर पर रोजगार दिलाने की व्यवस्था की गयी। प्रवासी श्रमिकों को 15 दिन का राशन तथा प्रति श्रमिक 1,000 रुपये की धनराशि भी उपलब्ध करायी गयी। कोटा से 12,000 तथा प्रयागराज से 14,000 विद्यार्थियों को सकुशल उनके घर पहुंचाया गया। कोरोना संकट के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों व कोरोना योद्धाओं के योगदान को नमन करते हुए उन्होंने प्राणों की आहुति देने वाले कोरोना वॉरियर्स को श्रद्धांजलि भी दी।
राज्यपाल जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोरोना काल के दौरान मा0 प्रधानमंत्री जी के कर कमलों से अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मन्दिर निर्माण का शुभारम्भ सम्पन्न किया, जिसकी सर्वत्र प्रशंसा हुई। इसके लिए प्रधानमंत्री जी व देश की न्यायपालिका के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर ‘अयोध्या: उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर’ नामक प्रदेश की झांकी को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। अयोध्या व वाराणसी में सफलतापूर्वक भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया गया।
राज्यपाल जी ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की नयी औद्योगिक निवेश और रोजगार प्रोत्साहन नीति के अन्तर्गत स्टार्टअप, युवा उद्यमिता, नवाचार तथा मेक इन यू0पी0 को बढ़ावा दे रही है। सरकार की नीतियां भविष्योन्मुखी हैं तथा, ‘सबका साथ, सबका विकास’ के विजन का अनुसरण करते हुए, समावेशी, सतत एवं सन्तुलित विकास के उद्देश्य से लागू की गयी हैं। राज्य सरकार की कार्यशैली में बदलाव को अनुभव किया जा रहा है। कोरोना संकट के पश्चात प्रदेश एक नयी ऊर्जा के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ने को तैयार है। कानून-व्यवस्था में निरन्तर सुधार तथा अन्य सुविधाएं प्रदान किये जाने से प्रदेश ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की रैंकिंग में देश में दूसरे स्थान पर आ गया है।
राज्यपाल जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट के सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं। समिट में प्राप्त 4.68 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव में से लगभग 03 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं सक्रिय रूप से संचालित हो गयी हैं। निवेश प्रोत्साहन में गतिशीलता लाने के लिए 27 विभागों के साथ ‘निवेश मित्र’ पोर्टल की स्थापना की गयी थी। इसके अन्तर्गत 227 सेवाएं सम्मिलित की जा चुकी हैं। ‘इन्वेस्ट यू0पी0’ के माध्यम से अब तक 56 परियोजनाओं हेतु 45 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
राज्यपाल जी ने कहा कि अवस्थापना विकास के दृष्टिकोण से प्रदेश के 340 कि0मी0 लम्बाई के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तथा 296 कि0मी0 की लम्बाई के बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण तेजी से पूरा हो रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर वायुसेना के लड़ाकू विमानों की लैण्डिंग व टेकऑफ के लिए जनपद सुल्तानपुर में 3.2 कि0मी0 हवाई पट्टी का निर्माण भी किया जा रहा है। डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का कार्य प्रगति पर है। मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि प्राप्त करने की कार्यवाही युद्धस्तर पर प्रारम्भ हो चुकी है।
राज्यपाल जी ने कहा कि हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश नागर विमानन प्रोत्साहन नीति-2017 प्रख्यापित की गयी है। जेवर में विश्वस्तरीय अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का विकास कराया जा रहा है। कुशीनगर हवाई अड्डा अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए लगभग तैयार है। शीघ्र ही राज्य में 05 अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे लखनऊ, वाराणसी, कुशीनगर, गौतमबुद्धनगर, अयोध्या हो जाएंगे। वर्तमान में 07 हवाई अड्डे लखनऊ, आगरा, वाराणसी, कानपुर, गोरखपुर, प्रयागराज तथा हिण्डन क्रियाशील हैं। 08 मार्च, 2021 से बरेली से उड़ानें प्रारम्भ हो रही हैं। 04 हवाई अड्डों अलीगढ़, आजमगढ़, श्रावस्ती तथा मुरादाबाद का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। सोनभद्र व चित्रकूट में निर्माण कार्य चल रहा है। सहारनपुर, झांसी, मेरठ व ललितपुर में भूमि प्राप्त करने की कार्यवाही प्रगति पर है।
राज्यपाल जी ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों में निवेश व रोजगार सृजन की अपार सम्भावनाएं हैं। उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति-2017 में 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश तथा वर्ष 2022 तक न्यूनतम 03 लाख व्यक्तियों के लिए रोजगार का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसे 03 वर्षाें में ही अर्जित कर लिया गया। उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति-2020 अधिसूचित की गयी है। इसके अन्तर्गत 05 वर्षाें में 40 हजार करोड़ रुपये का निवेश तथा 04 लाख व्यक्तियों के रोजगार सृजन का लक्ष्य है। ई-टेण्डरिंग में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। मई, 2017 से 10 लाख रुपये से ऊपर की निविदाओं की ई-टेण्डरिंग बाध्यकारी की जा चुकी है।
राज्यपाल जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश स्टेट डाटा सेण्टर पर एक डी0बी0टी0 पोर्टल विकसित किया गया है, जिस पर 27 विभागों की 130 योजनाओं को ऑन बोर्ड किया गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 56 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खातों में प्रेषित की गयी है। औद्योगिक विकास में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के महत्व को देखते हुए उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (स्थापन एवं सरलीकरण) अधिनियम-2020 प्रख्यापित किया गया है। इसके अन्तर्गत उद्यम स्थापना, विस्तारीकरण तथा विविधीकरण की प्रक्रियाओं को सरल किया गया है। अब उद्यमी को 1,000 दिवस की अवधि तक किसी भी लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी।
राज्यपाल जी ने कहा कि बैंकों से समन्वय कर प्रदेश के लगभग 13 लाख सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को लगभग 42 हजार करोड़ रुपये का ऋण वितरण कराकर 27 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित किये गये। ओ0डी0ओ0पी0 योजना के अन्तर्गत लाखों कारीगरों को ई-मार्केट से जोड़ा गया। 16 जनपदों में कॉमन फैसिलिटी सेण्टर स्थापित हो रहे हैं। 04 ऑनलाइन मेलों के माध्यम से 10 लाख से अधिक लाभार्थियों को 30 हजार करोड़ रुपये के ऋण दिये गये। प्रदेश को प्रमुख निर्यातक राज्य बनाने के उद्देश्य से निर्यात नीति-2020-25 प्रख्यापित की गयी है। इससे प्रदेश निर्यात हब के रूप में विकसित हुआ है। वर्ष 2017-18 में 88,966 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ, जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 01 लाख 20 हजार 356 करोड़ पहुंच गया है। राज्य के श्रमिकों के विकास और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना संचालित है।
राज्यपाल जी ने कहा कि प्रदेश के विकास को त्वरित गति प्रदान करने में ऊर्जा क्षेत्र की अग्रणी भूमिका है। ऊर्जा की आवश्यकता के अनुरूप अनवरत विद्युत आपूर्ति हेतु पारेषण तंत्र को सुदृढ़ किया जा रहा है। वर्तमान में जिला मुख्यालयों पर 24 घण्टे, तहसील मुख्यालयों पर 21 घण्टे 30 मिनट व गांवों में 18 घण्टे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने हेतु सौर ऊर्जा नीति-2017 प्रख्यापित की गयी है, जिसके अन्तर्गत 1,272 मेगावाट क्षमता की सौर विद्युत उत्पादन परियोजनाओं का आवंटन किया जा चुका है। लगभग 1,019 मेगावॉट विद्युत का उत्पादन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त 1,470 मेगावॉट सौर ऊर्जा के ओपेन एक्सेस प्रस्ताव स्वीकृत किये जा चुके हैं।
राज्यपाल जी ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था सुदृढ़ कर जनमानस में सुरक्षा की भावना उत्पन्न करना मेरी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है, जिसके लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी गयी है। प्रदेश के कुख्यात माफिया अपराधियों को चिन्हित कर उनके व उनके गैंग के विरुद्ध प्रभावी विधिक कार्यवाही करते हुए उनके शस्त्र लाइसेन्सों का निरस्तीकरण कराया गया तथा अब तक लगभग 1 हजार करोड़ से अधिक मूल्य की सम्पत्तियों का जब्तीकरण व ध्वस्तीकरण एवं अवैध कब्जे से अवमुक्त कराने की कार्यवाही की गयी है। महिला सुरक्षा हेतु किए गए प्रयासों के फलस्वरूप वर्ष 2020 में क्रमशः दहेज मृत्यु में 7.96, बलात्कार में 18.93, शीलभंग में 20.02, अपहरण में 26.47 तथा पारिवारिक महिला उत्पीड़न में 13.41 प्रतिशत की कमी आयी है। प्रदेश में हत्या की घटनाओं में निरन्तर कमी आयी है तथा वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2020 में 25.88 प्रतिशत की कमी हुई है।
राज्यपाल जी ने कहा कि पुलिस आधुनिकीकरण हेतु कदम उठाये गये हैं। कानून-व्यवस्था पर कड़ी निगाह हेतु प्रत्येक जनपद को 01-01 ड्रोन दिया गया है। प्रदेश में रेन्ज स्तर पर फॉरेन्सिक लैब स्थापित की जा रही है। साइबर अपराधों की रोकथाम हेतु कुल 18 परिक्षेत्रीय साइबर थानों की स्थापना की गयी है तथा पुलिस रेडियो संचार व्यवस्था को डिजिटल किया जा रहा है। पुलिस बल में लगातार भर्ती की कार्यवाही जारी है। अब तक लगभग 01 लाख 37 हजार से अधिक पदों पर भर्तियां की गयी हैं। सड़क सुरक्षा के लिए प्रदेश में ई-चालान की व्यवस्था प्रारम्भ की गयी है। सरकार के प्रयासों से वर्ष 2020 में विगत वर्ष के सापेक्ष सड़क दुर्घटनाओं में 19 प्रतिशत तथा मृत्यु में 15 प्रतिशत की कमी आयी है। पुलिस/अग्निशमन कर्मियों के लिए पयाप्त संख्या में आवास निर्मित कर आवासीय सुविधा प्रदान की जा रही है।
राज्यपाल जी ने कहा कि कृषि प्रदेश के अधिकांश लोगों की जीविका का साधन है, खाद्यान्न के मामले में प्रदेश आत्मनिर्भर ही नहीं अपितु सरप्लस राज्य के रूप में अपना स्थान बनाये हुए है। वर्ष 2019-20 में 599.81 मी0टन लक्ष्य के सापेक्ष 601.84 लाख मी0 टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है। कृषकों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जा रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत अब तक 240 लाख किसानों को 27 हजार 134 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से उनके खातों में हस्तान्तरित की जा चुकी है। प्रदेश में मण्डी परिसरों के बाहर के व्यापार को पूरी तरह से लाइसेंस व मण्डी शुल्क से मुक्त कर दिया गया है, जिससे किसान अपना सामान कहीं भी और किसी भी व्यापारी को बेच सकते हैं।
राज्यपाल जी ने कहा कि प्रदेश में कृषि अनुसंधान के सुदृढ़ीकरण हेतु प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों के अन्तर्गत सेण्टर्स ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जा रही है। 20 नये कृषि विज्ञान केन्द्रों के संचालन की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है, जिनमें से 15 केन्द्र संचालित हो चुके हैं। रबी विपणन वर्ष 2020-21 में कोविड-19 के कारण उत्पन्न विषम परिस्थितियों के बाद भी प्रदेश में 5,896 क्रय केन्द्र स्थापित कर 6.63 लाख किसानों से 35.76 लाख मी0 टन गेहूं क्रय किया गया, जिसके सापेक्ष 6,885.16 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में 50 लाख मी0 टन लक्ष्य के सापेक्ष 56.57 लाख मी0 टन धान की रिकॉर्ड खरीद की गयी है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में भी अब तक रिकॉर्ड
65.5 लाख मी0 टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है।
राज्यपाल जी ने कहा कि चीनी उद्योग प्रदेश का कृषि आधारित महत्वपूर्ण उद्योग है तथा प्रदेश के लगभग 45 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों के परिवार की आजीविका का मुख्य साधन है। गन्ना एवं चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश में लगातार तीसरी बार प्रथम स्थान पर है। विगत पेराई सत्र 2019-20 में कुल गन्ना क्षेत्रफल 26.79 लाख हेक्टेयर के सापेक्ष 126.37 लाख मी0 टन चीनी का उत्पादन किया गया है। मेरी सरकार द्वारा अब तक लगभग 01 लाख 23 हजार करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है, जिससे 45.44 लाख गन्ना किसान लाभान्वित हुए। कोविड काल के दौरान कोई भी चीनी मिल बन्द नहीं हुई। किसानों के सहयोग से सफलतापूर्वक गन्ने की पेराई की गयी तथा गन्ना उपज की कोई हानि नहीं हुई। किसी चीनी मिल परिसर में कोई भी किसान कोरोना से पीड़ित नहीं हुआ।
राज्यपाल जी ने कहा कि दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। दुग्ध उत्पादकों के मध्य स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा उत्पन्न करने एवं दुधारु पशुओं के रख-रखाव हेतु प्रोत्साहित कर अधिक दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के उद्देश्य से ‘गोकुल पुरस्कार’ एवं भारतीय गोवंश की गाय से सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक को ‘नन्द बाबा’ पुरस्कार प्रदान किये जा रहे हैं। प्रदेश के निराश्रित/बेसहारा गोवंश हेतु 187 वृहद गो-संरक्षण केन्द्र/गोवंश वन्य विहार का निर्माण कराया जाना लक्षित है, जिसके सापेक्ष 118 केन्द्रों का कार्य पूर्ण हो चुका है। मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के अन्तर्गत 74 हजार से अधिक गोवंश इच्छुक गोपालकों की सुपुर्दगी में दिये गये हैं। प्रदेश में अद्यतन कुल 5,206 आश्रय स्थलों में लगभग 5.58 लाख गोवंशीय पशु संरक्षित किये गये हैं। प्रदेश के 02 लाख मत्स्य पालकों को निःशुल्क प्रीमियम पर मछुआ दुर्घटना बीमा योजना से आच्छादित किया जा रहा है। प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण की असीम सम्भावनाओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण नीति-2017 लागू की गयी है।
राज्यपाल जी ने कहा कि मेरी सरकार प्रदेश के किसानों को सिंचाई की अधिकाधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु प्रतिबद्ध है। विगत तीन वर्षाें में कुल 11 परियोजनाएं पूर्ण की जा चुकी हैं, जिनमें 2.21 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन हुआ तथा 2.33 लाख किसान लाभान्वित हुए। वर्तमान वित्तीय वर्ष में कुल 09 परियोजनाओं को पूर्ण करने का लक्ष्य है, जिनसे 16.41 लाख हेक्टेयर की अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित होगी तथा 40.48 लाख कृषक लाभान्वित होंगे। कृषकों की दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांगता की स्थिति में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना लागू की गयी है, जिसके अन्तर्गत अधिकतम 05 लाख रुपये दिये जाने का प्राविधान है, जिससे बटाईदार भी आच्छादित होंगे।
जल जीवन मिशन के अन्तर्गत वर्ष 2024 तक पाइप पेयजल योजना के अन्तर्गत ‘हर घर जल’ उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड और विन्ध्य क्षेत्र के सभी ग्रामों को शुद्ध पाइप पेयजल से आच्छादित करने के लिए योजनाएं स्वीकृत कर कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में जो गुणता प्रभावित बस्तियां यथा जे0ई0/ए0ई0एस0 से प्रभावित बस्तियां, आकांक्षात्मक जनपद, अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्राम तथा अन्य छूटे हुए ग्रामों में भी पाइप पेयजल योजना प्रारम्भ करने के लिए पूरे प्रदेश के लिए प्रतिस्पर्धात्मक बिड के माध्यम से सक्षम कार्यदायी संस्थाओं का चयन कर लिया गया है। और लगभग 30 हजार ग्रामों को पाइप पेयजल योजना से आच्छादित करने की कार्यवाही प्रारम्भ हो गयी है। निर्माण के बाद अगले 10 वर्षाें तक इन योजनाओं का रख-रखाव भी कार्यदायी संस्था द्वारा किया जाएगा।
राज्यपाल जी ने कहा कि मुख्यमंत्री आर0ओ0 पेयजल योजना के अन्तर्गत बस्ती एवं गोरखपुर मण्डल जापानी इन्सेफेलाइटिस/एक्यूट इन्सेफेलाइटिस से प्रभावित 07 जनपदों तथा बुन्देलखण्ड के क्षेत्र के 07 जनपदों अर्थात कुल 14 जनपदों के 28 हजार से अधिक प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 25-25 लीटर क्षमता के ‘अल्ट्रा फिल्ट्रेशन’ तकनीकी पर आधारित जल शोधन संयंत्रों का अधिष्ठापन किया जा रहा है। गंगा की निर्मलता को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए प्रधानमंत्री जी के संकल्प को साकार करने हेतु राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। पावन गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाये रखने एवं उसमें दूषित जल उत्प्रवाह रोकने के लिए सीवरेज सम्बन्धी 44 परियोजनाएं संचालित हैं, जिनमें युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। भूगर्भ जल संसाधनों से सम्बन्धित चुनौतियों के प्रभावी समाधान हेतु उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल (प्रबन्धन और विनियमन), 2019 लागू किया गया है।
राज्यपाल जी ने कहा कि कानपुर व आगरा मेट्रो रेल परियोजनाओं के प्राथमिक सेक्शन का ट्रायल रन दिनांक 30 नवम्बर, 2021 तक लक्षित है। गोरखपुर लाइट मेट्रो परियोजना भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित की जा चुकी है तथा प्रयागराज एवं वाराणसी मेट्रो रेल परियोजना के डी0पी0आर0 की कार्यवाही प्रगति पर है। भारत सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के 10 चयनित शहरों में लगभग 20 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। इसके अतिरिक्त राज्य स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के 07 शहरों मेरठ, गोरखपुर, अयोध्या, शाहजहांपुर, मथुरा, वृन्दावन, फिरोजाबाद एवं गाजियाबाद को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किये जाने का कार्य प्रशस्त है।
राज्यपाल जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के हर आवासहीन व्यक्ति को अपनी छत प्रदान करने के स्वप्न को साकार करने वाली प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण एवं शहरी एवं मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत लगभग 40 लाख से अधिक आवासों का निर्माण कराया गया है। स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लगभग 2.27 करोड़ व्यक्तिगत एवं 45 हजार सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है। समस्त नगरीय निकायों में महिलाओं के लिए विशेष रूप से पिंक शौचालय का निर्माण कराया गया है। यातायात को सुगमता प्रदान किये जाने के उद्देश्य से प्रदेश में 5,400 कि0मी0 के 67 नये राज्य मार्ग घोषित किये गये हैं। प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों को 4-लेन चौड़े मार्ग से व समस्त तहसील एवं ब्लॉक मुख्यालयों को 02-लेन चौड़े मार्ग से जोड़ा जा रहा है।
प्रदेश की अन्तर्राज्यीय/अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर पड़ने वाले मार्गाें का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कर प्रदेश की सीमा पर प्रवेश द्वारों का निर्माण कराया जा रहा है। सफल वृक्षारोपण तथा वन संरक्षण हेतु प्रदेश सरकार द्वारा किये गये प्रयासों से राज्य के वनावरण तथा वृक्षावरण में 127 वर्ग कि0मी0 की वृद्धि हुई है। वैश्विक महामारी कोविड-19 के कठिन समय में भी दिनांक 05 जुलाई, 2020 को वृक्षारोपण महा अभियान में सभी विभागों व जन सहयोग से एक ही दिन में 25.87 करोड़ पौधारोपण किया गया तथा वर्तमान वर्ष में 30 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य है।
राज्यपाल जी ने कहा कि प्रदेश में उत्कृष्ट चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु 02 अखिल भारतीय चिकित्सा संस्थान (एम्स) क्रमशः गोरखपुर एवं रायबरेली में स्थापित कर पठन-पाठन तथा आउटडोर सेवाएं प्रारम्भ कर दी गयी हैं। जनपद वाराणसी में भी ‘एम्स’ की तर्ज पर चिकित्सा संस्थान स्थापित किया जा रहा है। प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रमों एवं परीक्षाओं में एकरूपता लाने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थापित हो चुका है।
प्रदेश में वर्ष 2017 तक मात्र 15 जिलों में राजकीय मेडिकल कॉलेज/संस्थान संचालित थे, जबकि वर्तमान में 30 जिलों में राजकीय मेडिकल कॉलेज/संस्थान का निर्माण कार्य प्रगति पर है। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में प्रदेश की प्रथम रोबोटिक सर्जरी प्रारम्भ की गयी है। ग्रामीण अंचलों में अधिक से अधिक चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार किया जाना सरकार की प्राथमिकता है। वर्तमान में प्रदेश में 174 जिला स्तरीय चिकित्सालय, 66 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 4,213 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित एवं क्रियाशील हैं। प्रदेश के 354 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर मरीजों को टेलीरेडियोलॉजी की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है तथा संक्रामक रोगों के विरुद्ध व्यापक अभियान चलाया जा रहा है।
राज्यपाल जी ने कहा कि मस्तिष्क ज्वर से प्रभावित क्षेत्रों में बच्चों के प्रभावी उपचार हेतु 16 पीडियाट्रिक इन्टेन्सिव केयर यूनिट (पीकू), 15 मिनी पीकू तथा 177 इन्सेफेलाइटिस उपचार केन्द्र स्थापित किये गये हैं। इन सब प्रयासों से ‘एक्यूट इन्सेफेलाइटिस’ रोगियों की संख्या वर्ष 2016 के 3,911 के सापेक्ष वर्ष 2020 में 1,624 रह गयी है। इसी अवधि में ऐक्यूट इन्सेफेलाइटिस के कारण होने वाली मृत्यु 641 से घटकर मात्र 79 रह गयी है। वर्ष 2016 में जापानी इन्सेफेलाइटिस, एक्यूट इन्सेफेलाइटिस के कुल 442 रोगी व 74 मृत्यु के सापेक्ष 2020 में मात्र 95 रोगी चिन्हित व 09 मृत्यु हुई है। इस प्रकार मस्तिष्क ज्वर की बीमारी लगभग समाप्ति पर है।
प्रत्येक जनपद के ग्रामीण एवं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रत्येक रविवार आयोजित मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों में 26.79 लाख रोगी लाभान्वित हुए हैं तथा 66 हजार से अधिक गम्भीर रोगियों को उच्च केन्द्रों पर सन्दर्भित किया गया है। राज्य सरकार प्रदेश में आयुर्वेदिक, यूनानी एवं होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धतियों को भी विकसित करने के लिए प्रयासरत है। इस हेतु जनपद गोरखपुर में उत्तर प्रदेश राज्य आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है।
राज्यपाल जी ने कहा कि प्रदेश के असहाय, सुविधा-विहीन, विशेष रूप से अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अन्य कमजोर वर्गाें के उत्थान हेतु विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही हैं। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत पात्र सभी वर्गाें के परिवारों की पुत्रियों के विवाह पर अनुमन्य धनराशि 35 हजार रुपये से बढ़ाकर 51 हजार रुपये कर दी गयी है। गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति के व्यक्तियों की पुत्रियों के विवाह हेतु प्रत्येक लाभार्थी को 20 हजार रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। 01 अप्रैल, 2017 से प्रदेश के शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है तथा शहीद सैनिकों के नाम पर सड़कों के नामकरण एवं स्मारकों का निर्माण किया जा रहा है। प्रदेश के भूतपूर्व सैनिकों को सरकारी सेवाओं में 05 प्रतिशत आरक्षण अनुमन्य किया गया है।
राज्यपाल जी ने कहा कि महिलाओं तथा बालिकाओं की सुरक्षा सम्मान एवं स्वावलम्बन के उद्देश्य से मेरी सरकार द्वारा मिशन शक्ति संचालित किया जा रहा है। इस अभियान के अन्तर्गत 1,535 थानों में हेल्पडेस्क की स्थापना की गयी है। निराश्रित महिलाओं को पौष्टिक भोजन, स्वास्थ्य तथा विधिक एवं परामर्शी सेवाएं उपलबध कराने हेतु वृन्दावन, मथुरा में 1,000 बेड्स की क्षमता के ‘कृष्ण कुटीर आश्रम सदन’ का संचालन किया जा रहा है।
राज्यपाल जी ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रारम्भिक शिक्षा के सार्वभौमिक लक्ष्य की प्राप्ति हेतु संकल्पबद्ध है। प्रदेश में बच्चों को बेसिक शिक्षा की सुविधा हेतु लगभग 2.65 लाख विद्यालय संचालित हैं। शैक्षिक सत्र 2020-21 में परिषदीय व सहायतित प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्कूल चलो अभियान के तहत लगभग 1.85 करोड़ बच्चों का नामांकन कराया गया है। शैक्षिक सत्र 2020-21 में कक्षा 01 से 08 तक अध्ययनरत सभी परिषदीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें, स्कूल बैग, जूता-मोजा एवं स्वेटर उपलब्ध करने की व्यवस्था की गयी है। गुणवत्तापरक शिक्षा के संकल्प को सिद्ध करने हेतु लगभग 1.20 लाख से अधिक सहायक अध्यापकों की भर्ती की गयी है। परिषदीय विद्यालयों के छात्रों को तकनीक आधारित शिक्षण सुविधा उपलब्ध कराने हेतु लगभग 05 हजार स्मार्ट क्लास बनाए गए हैं।
राज्यपाल जी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत शैक्षणिक गतिविधियों को बनाए रखने के उद्देश्य से मिशन प्रेरणा की ई-पाठशाला के वृहद् कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें दूरदर्शन पर शैक्षणिक कार्यक्रमों का प्रसारण, व्हाट्सऐप क्लासेज व मिशन प्रेरणा यू-ट्यूब चैनल सम्मिलित हैं। संस्कृत शिक्षा के प्रोत्साहन हेतु कुल 1,151 संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों के माध्यम से 88.29 हजार छात्र-छात्राओं को संस्कृत शिक्षा प्रदान की जा रही है। उच्च शिक्षा को सर्व-सुलभ बनाने हेतु प्रदेश में सहारनपुर, आजमगढ़ तथा अलीगढ़ में 03 नए राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना की जा रही है।
राज्यपाल जी ने कहा कि महायोगी गुरु श्री गोरक्षनाथ के लोकोपयोगी वचनों एवं उपदेशों को एकत्रित करके योगानुकूल सिद्धान्तों एवं प्रयोगों को जीवनोपयोगी कार्य तथा व्यवहार में परिवर्तित करने के लिए दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर में ‘महायोगी गुरु श्री गोरक्षनाथ शोधपीठ’ की स्थापना की गयी है। पं0 दीन दयाल उपाध्याय के व्यक्तित्व, कृतित्व एवं चिन्तन पर शोध कार्य हेतु प्रदेश के 15 राज्य विश्वविद्यालयों में पं0 दीन दयाल उपाध्याय शोधपीठ की स्थापना की गयी है। कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को शिक्षण समाग्री अबाध रूप से घर बैठे सुलभ कराने की दृष्टि से उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की गई है, डिजिटल लाइब्रेरी में हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं में 134 विषयों के लगभग 01 लाख ई-कन्टेन्ट्स वर्तमान में उपलब्ध हैं।
राज्यपाल जी ने कहा कि मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अन्तर्गत विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे सिविल सेवा परीक्षा, पी0सी0एस0, जे0ई0ई0, नीट, एन0डी0ए0, सी0डी0एस0 इत्यादि हेतु प्रतिभाशाली तथा उत्साही विद्यार्थियों को साक्षात प्रशिक्षण/ऑनलाइन प्रशिक्षण/सलाह दिए जाने हेतु प्रत्येक मण्डल मुख्यालय पर निःशुल्क प्रशिक्षण केन्द्रों का संचालन प्रारम्भ हो रहा है। जिसे अगले चरण में प्रत्येक जनपद स्तर पर भी स्थापित किया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति वर्ष-2020 के प्राविधानों के दृष्टिगत तकनीकी, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास से जुडे़ हुए समस्त छात्र-छात्राओं को समस्त सेवाएं यथा-परीक्षा मूल्यांकन, भुगतान, काउंसिलिंग, प्रश्न बैंक, ऑनलाइन कन्टेन्ट, कक्षाएं, पुस्तकालय व रोजगार इत्यादि एकीकृत रूप से उपलब्ध कराए जाने के लिए ‘यू-राइज पोर्टल’ का विकास व क्रियान्वयन कर एक नवीन पहल की गयी है। वर्ष 2021 से प्रदेश के डिग्री इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश राष्ट्रीय स्तर पर दो बार आयोजित होने वाली इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जे0ई0ई0 (मेन) के माध्यम से कराया जाएगा।
राज्यपाल जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन के दृष्टिकोण से विकास की असीम सम्भावनाएं हैं। प्रदेश के समग्र पर्यटन विकास हेतु वर्ष 2018 में नयी पर्यटन नीति लागू की गयी है। उत्तर प्रदेश में विभिन्न परिपथों का चिन्हांकन किया गया है, जिनमें रामायण, परिपथ, बृज परिपथ, महाभारत परिपथ, शक्तिपीठ परिपथ, आध्यात्मिक परिपथ, जैन परिपथ, बुद्धिस्ट परिपथ आदि प्रमुख हैं। इन परिपथों में आने वाले सभी पर्यटक स्थलों के उच्चीकरण पर विशेष बल दिया जा रहा है। रामायण परिपथ (चित्रकूट एवं श्रृंगवेरपुर) के पर्यटन विकास के कार्य किये जा रहे हैं। वाराणसी के प्रसिद्ध मन्दिरों पर आधारित ‘पावन पथ वेबसाइट’ का निर्माण किया गया है। मण्डलीय कारागार गोरखपुर में पं0 रामप्रसाद बिस्मिल शहीद स्मारक तथा चौरी-चौरा स्थित शहीद स्मारक स्थल के सौन्दर्यीकरण एवं पर्यटन विकास का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। चौरी-चौरा के शहीदों के सम्मान में मेरी सरकार द्वारा इस वर्ष शताब्दी समारोह मनाया जा रहा है, जिसका वर्चुअल शुभारम्भ प्रधानमंत्री जी द्वारा किया गया है।
प्रदेश सरकार के प्रयासों से राज्य पूरे भारत में देशी पर्यटकों के आगमन के दृष्टिकोण से भारतीय पर्यटक सांख्यिकी के अनुसार वर्ष 2019 में द्वितीय स्थान से वर्ष 2020 में प्रथम स्थान पर आ गया है। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अन्य के अतिरिक्त, काशी विश्वनाथ धाम का विन्ध्यवासिनी धाम, शुक्रतीर्थ, बृज क्षेत्र, नैमिष धाम, चित्रकूट धाम आदि का सुरुचिपूर्ण ढंग से विकास कराया जा रहा है।
राज्यपाल जी ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की गौरवमयी धरोहर एवं परम्पराओं तथा लोक एवं शास्त्रीय कलाओं के समुचित संरक्षण संवर्द्धन एवं विकास के लिए प्रयासरत है। प्रदेश के 60 वर्ष से अधिक आयु के जीविकोपार्जन में असमर्थ कलाकारों को आर्थिक सहायता के रूप में 02 हजार रुपये मासिक की पेंशन दी जा रही है। महाराजा सुहेलदेव की कर्मभूमि चित्तौरा, जनपद बहराइच में उनके स्मारक का निर्माण एवं भव्य प्रतिमा की स्थापना का कार्य प्रधानमंत्री जी के कर कमलों से आरम्भ हो गया है।
ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों में स्वामित्व सम्बन्धी अभिलेख तैयार करने के लिए स्वामित्व योजना के अन्तर्गत अधिसूचित ग्रामों में ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) का वितरण सम्बन्धित भूस्वामियों को किया जा रहा है। उत्तराधिकार में महिलाओं के अधिकार में वृद्धि करते हुए राजस्व संहिता-2006 में निर्धारित उत्तराधिकार के क्रम में संशोधित कर इसे महिलाओं को मालिकाना हक के अनुकूल बनाया गया है। डिजिटल इण्डिया भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त जनपदों के समस्त ग्रामों के भू-मानचित्रों का डिजिटाइजेशन कराया जा रहा है।
राज्यपाल जी ने कहा कि खेलों के विकास एवं उदीयमान खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण उपलब्ध कराने हेतु राज्य में निजी सहभागिता से खेल अकादमियों को विकसित किये जाने की नीति प्रख्यापित की गयी है। जनपद मेरठ में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना कराये जाने का निर्णय लिया गया है।
प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में ग्रामीण स्टेडियमों का निर्माण एवं ओपेन जिम की स्थापना करायी जा रही है। मेरी सरकार श्रम अधिनियमों के अन्तर्गत श्रमिकों को देय सुविधाएं उपलब्ध कराने एवं उनके हितों के संरक्षण-संवर्धन के लिए कृत संकल्प है। बाल श्रम उन्मूलन हेतु नया सवेरा योजना के अन्तर्गत 23,482 बाल श्रमिकों का पुनर्वास कर उन्हें शिक्षा से जोड़ा गया है। प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गाें के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण अनुमन्य किये जाने हेतु उत्तर प्रदेश लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गाें के लिए आरक्षण) अधिनियम, 2020 प्रख्यापित किया गया है।

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