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करोड़ों रुपये ठगने की आरोपी महिला मीडियाकर्मी अपने पति और मां संग। …..

हिंदुस्तान अखबार लखनऊ के एचआर विभाग में कार्यरत ज्योत्सना पांडे ने पति और अपनी मां के साथ मिलकर प्रदेश भर के दर्जनों लोगों से करोड़ों रुपयों की धोखाधड़ी की है।

जल्द ही तीनों विदेश भागने के फिराक में हैं। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह की सख्ती के बाद तीनों ठगों पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस, एसटीएफ और साइबर क्राइम की टीमें इन तीनों की तलाश में हैं।

लखनऊ पुलिस के मुताबिक ज्योत्सना पांडे, पति प्रशांत सिंह और ज्योत्सना की मां ने प्रियाद्विका सेल्स नाम से कंपनी बनाई है। इसमें लोगों को व्यवसाय का झांसा दिया जाता है।

दुबई में चावल एक्सपोर्ट, राजस्थान से पेंट, पुट्टी और नासिक, एमपी से सब्जियों की खरीदारी के नाम पर बड़े मुनाफे का सब्जबाग दिखाकर करोड़ों रुपए का इन्वेस्टमेंट कराया जाता है। इसके बाद लोगों के जमा पैसे में से ही थोड़ा बहुत उन्हें देकर विश्वास जमाया जाता है।

इसके बाद शिकार खुद ही इनके जाल में फंसते जाते हैं। प्रदेश के बरेली, मुरादाबाद, कानपुर, कानपुर देहात, लखनऊ, बाराबंकी, झांसी, अयोध्या, बस्ती, गोरखपुर, सुल्तानपुर, अम्बेडकर नगर और मऊ समेत दर्जनों जिलों में ठगी का धंधा कई साल से चल रहा है।

ज्योत्सना पांडे हिंदुस्तान लखनऊ की कर्मचारी होने के नाते लोगों को आसानी से अपने जाल में फंसा लेती है। इसके बाद ज्योत्सना की मां और पति प्रशांत सिंह मिलकर रुपए को ठिकाने लगाते हैं।

लखनऊ के जानकीपुरम थाने में इन तीनों के खिलाफ प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी के निर्देश के बाद धारा 420 और 406 की एफआईआर दर्ज की गई है।

मामले की जांच कर रहे एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि ज्योत्सना पांडे ने हिंदुस्तान अखबार के दम पर पुलिस को भी अर्दब में लेने की कोशिश की।

लेकिन एक स्थानीय विधायक और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी की सख्ती के आगे उसका कोई पैंतरा चल नहीं पाया। हिंदुस्तान अखबार का एचआर डिपार्टमेंट भी इस मामले से हैरत में है और अपनी इज्जत बचाने की जद्दोजहद में लगा है, क्योंकि इससे अखबार की साख को भी बट्टा लग गया है।

जांच अधिकारी एसआई उत्कर्ष त्रिपाठी के मुताबिक ठगों के इस गिरोह ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश तक के दर्जनों जिलों के सैकड़ों लोगों के साथ धोखाधड़ी की है। इसके अलावा कई नामी-गिरामी पेंट कंपनियों से करोड़ों का माल और पेंट बनाने की बेशकीमती मशीनें भी हेराफेरी करके कब्जा रखी हैं।

साइबर क्राइम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि ज्योत्सना पांडे और प्रशांत सिंह की एक साथ लास्ट लोकेशन मेहंदीपुर बालाजी में पाई गई है। प्रशांत सिंह वहीं से फरार हो गया और ज्योत्सना लखनऊ लौट आई।

एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि लोगों को संदेह ना हो इसलिए ज्योत्सना हिंदुस्तान अखबार के साथ जुड़ी हुई है। साथ ही लोगों पर दबाव भी बना रहेगा। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही तीनों दुबई भागने की फिराक में हैं।

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