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जाने क्या होता है हनुमान चालीसा का महत्व ?

हनुमान जी को अनुशासन प्रिय है. इसीलिए हनुमान भक्त भी अनुशासन का पालन करते हैं. हनुमान जी अपने भक्तों के सभी संकटों को हर लेते हैं. यानि हनुमान जी अपने भक्तों को कष्टों से दूर रखते हैं. हनुमान जी को इसीलिए संकट मोचन भी कहा गया है.

पंचांग के अनुसार 20 फरवरी को शनिवार का दिन है. पंचांग के अनुसार इस दिन माघ मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है. इस दिन चंद्रमा वृषभ राशि में विराजमान रहेगा.

मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से शनि और मंगल ग्रह की अशुभता को दूर होती है इसके साथ ही कई प्रकार की बाधाओं से भी मुक्ति मिलती है.

शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का विधि पूर्वक पाठ करने से शनिदेव की अशुभता दूर होती है. शनि देव ने हनुमान जी को वचन दिया हुआ है कि वे उनके भक्तों को परेशान नहीं करेंगे. इसलिए शनि की साढ़ेसाती, शनि की ढैय्या और शनि की महादशा के दौरान हनुमान जी पूजा करने की सलाह दी जाती है.

हनुमान चालीसा को लेकर मान्यता है कि इसका पाठ विधि पूर्वक करना चाहिए तभी पूर्ण लाभ प्राप्त होता है. हनुमान चालीसा का पाठ करने का सही तरीका जानना बहुत ही जरूरी है.

शनिवार को यदि आप हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो सबसे पहले स्नान करें. स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र के सम्मुख पाठ करना चाहिए.

चेमली का तेल और सिंदूर से श्रृंगार करें. पाठ आरंभ करने से पहले हनुमान जी का स्मरण करें और तस्वीर के सामने कलश में जल रखें. शनिवार के दिन सुबह और शाम हनुमान चालीसा का पाठ करना अच्छा माना गया है.

हनुमान चालीसा का पाठ समाप्त होने के बाद कलश में रखें जल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए. इसके साथ ही घर के प्रत्येक कोनों में इस जल का छिड़काव करना चाहिए. ऐसा करना से घर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है.

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