डिजिटल ट्रांजेक्शन को लेकर आई अच्छी खबर हुआ और भी आसान
डिजिटल ट्रांजेक्शन का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है. कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद डिजिटल पेमेंट एक जरूरत बन गई है. अब लोग पूरी तरह डिजिटल पेमेंट पर निर्भर रहने लगे हैं.
हालांकि, डिजिटल ट्रांजेक्शन को लेकर आए दिन कुछ न कुछ समस्याएं भी होती रहती है. इसी के मद्देनजर अब सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने बैंकिंग सेक्टर में तेजी से डिजिटल अपनाने के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे ढांचों को और बेहतर करने के लिए एक कंपनी की स्थापना पर विचार कर रही है.
लेंडर्स कई फिनटेक कंपनियों के साथ साझेदारी करेगी और सॉफ्टवेयर को डेवलप करेगी जिससे डोरस्टेप बैंकिंग और को-लेंडिंग प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके. कंपनी की स्थापना को लेकर पिछले सप्ताह वित्तीय सेवा विभाग के सचिव के साथ एक बैठक में चर्चा भी की गई थी.
बैंकों को उम्मीद है कि महामारी के कारण बैंकिग सर्विस को लेकर कई तरह की समस्याएं देखी गई थी. बावजूद भारतीयों कंज्यमूर बिहेवियर में बदलाव देखा गया.
डिजिटल सर्विस को लेकर लोगों में जागरूकता बनीं. यही वजह है कि अब बैंक ग्राहकों तक डिजिटल ट्रांसजैक्शन की सुविधाओं को आसान करने पर जोर दे रहा है. एक लेंडर के मुताबिक, बैंक डिजिटल लोन देने वाले प्लेटफार्मों को अपना रहा है और हर एक बैंक इसमें निवेश कर रहा है.
हालांकि, निवेश का साइज काफी बड़ा होता है जिसे सभी बैंक नहीं कर सकते हैं. यदि यह सामूहिक रूप से एक एंकर बैंक या पीएसबी एलायंस के तहत किया जाता है तो लोन प्रोडक्ट्स की डिलिवरी और अन्य आईटी पहलों के लिए एक प्लेटफाॅर्म बनाया जा सकता है.
इन चुनौतियों का सामना करने के लिए राज्य द्वारा संचालित बैंक सामूहिक रूप से RFP फ्लाॅट, प्रस्ताव के लिए, डिजिटल बैंकिंग सर्विस के लिए सर्विस प्रोवाइडर और टेक्नोलाॅजी पार्टनर्स को नियुक्त करने की योजना बना रहे हैं.
बता दें कि बैंकर्स डिजिटल बैंकिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉर्प के लिए मौजूदा ऑनलाइन लोन देने वाले प्लेटफॉर्म PSBLoansIn59 मिनट को बढ़ाने की संभावना भी देख रहे हैं.