16 सोमवार का व्रत करने से प्रसन होते है भगवान शिव होती है सभी इच्छाएं पूरी
सोलह सोमवार व्रत का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी भक्त इस व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ करता है उसे योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है. यह व्रत भोले शंकर भगवान शिव को समर्पित है.
यह भी माना जाता है कि जो जातक सच्चे हृदय से इस व्रत को पूरे विधि विधान के साथ पूरा करता हैं. भगवान शिव उसकी सभी इच्छाएं पूरी करते हैं. आइए पढ़ते हैं सोलह सोमवार व्रत की अद्भुत कथा…
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार की बात हैं सावन के महीने में अनेक ऋषि क्षिप्रा नदी उज्जैन में स्नान कर महाकाल शिव की अर्चना करने हेतु एकत्र हुए. वहां अपने रूप की अभिमानी स्त्री भी अपने कुत्सित विचारों से ऋषियों को धर्मभ्रष्ट करने चल पड़ी.
किंतु वहां पहुंचने पर ऋषियों के तपबल के प्रभाव से उसके शरीर की सुगंध लुप्त हो गई. वह आश्चर्यचकित होकर अपने शरीर को देखने लगी. उसे लगा, उसका सौंदर्य भी नष्ट हो गया.
उसकी बुद्धि परिवर्तित हो गई. उसका मन विषयों से हट गया और भक्ति मार्ग पर बढ़ने लगा. उसने अपने पापों के प्रायश्चित हेतु ऋषियों से उपाय पूछा, वे बोले तुमने सोलह श्रृंगारों के बल पर अनेक लोगों का धर्मभ्रष्ट किया, इस पाप से बचने के लिए तुम सोलह सोमवार व्रत करो और काशी में निवास करके भगवान शिव का पूजन करो
यह संदेश पाते ही स्त्री ने ऐसा ही किया और अपने पापों का प्रायश्चित कर शिवलोक पहुंची. भगवान शिव की कृपा से अपने समस्त पापों से मुक्त हुई. तब से ही आचरण की शुद्धता के लिए 16 सोमवार का पावन व्रत किया जाता है.
सोलह सोमवार के व्रत से कन्याओं को सुंदर सुशील पति मिलते हैं तथा पुरुषों को भी सुंदर सुशील पत्नी की प्राप्ति होती है. बारह महीनों में विशेष है श्रावण मास, इसमें शिव की पूजा करने से प्रायः सभी देवताओं की पूजा का फल मिल जाता है.इस कथा के बाद शिव जी की आरती कर प्रसाद वितरण करें. इसके बाद भोजन या फलाहार ग्रहण करें.