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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने खोला धार्मिक स्थलों का पिटारा

योगी सरकार ने अपने कार्यकाल का आखिरी बजट सोमवार को विधानसभा में पेश कर दिया. योगी सरकार ने पहली बार पेपर लेस बजट पेश किया. बजट के आकार के लिहाज से यह अब तक का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक बजट है.

योगी सरकार ने 5 लाख 50 हजार 270 करोड़ का बजट पेश किया है. कोरोना की वैश्विक महामारी के चलते अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रतिकूल प्रभाव की चुनौतियों के बीच पेश किए गए

इस बजट में हर वर्ग का ध्यान रखा गया है. बजट में किसानों, महिलाओं और नौजवानों के साथ अयोध्या, वाराणसी और चित्रकूट जैसे पौराणिक स्थलों का भी पूरा खयाल रखा गया है.

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अपने बजट भाषण में कहा कि श्री राम जन्म भूमि मंदिर और अयोध्या धाम तक पहुंच मार्ग के निर्माण हेतु 300 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई है.

साथ ही अयोध्या में पर्यटन सुविधाओं के विकास एवं सौन्दर्यीकरण के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है. वाराणसी में पर्यटन सुविधाओं के विकास तथा सौन्दर्यीकरण के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

मुख्यमंत्री पर्यटन स्थलों का विकास योजना के लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है. चित्रकूट में पर्यटन विकास की विभिन्न योजनाओं के लिए 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है. इसके अतिरिक्त विन्ध्याचल एवं नैमिषारण्य में स्थल विकास को 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है.

इसके अलावा योगी सरकार ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश जनजातीय संग्रहालय के निर्माण हेतु 8 करोड़ रुपये तथा शाहजहांपुर में स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय की वीथिकाओं के लिए 4 करोड़ रुपये की व्यवस्था का प्रस्ताव रखा है.

चौरी-चौरा कांड 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव जो पूरे वर्ष चलेगा के लिए 15 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. प्रदेश में ख्यातिलब्ध साहित्यकार एवं कलाकार जो अन्य किसी पुरस्कार से सम्मानित नहीं हो सके हैं

को ‘उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान’ प्रदान किये जाने का निर्णय लिया गया है. इस योजना के अन्तर्गत प्रत्येक वर्ष अधिकतम 5 व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा तथा सम्मानित प्रत्येक व्यक्ति को 11 लाख रुपये की सम्मान राशि प्रदान की जाएगी.

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