उत्तराखंड को चुनावी वर्ष में एक बार फिर डबल इंजन का दम देखने को मिल सकता है। अगले वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए तैयार किए जा रहे विकास योजनाओं के ब्लू प्रिंट में केंद्र सरकार से विशेष मदद मिलने के संकेत हैं। नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा राजीव कुमार दो दिनी उत्तराखंड दौरे के दौरान 27 फरवरी को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि आयोग राज्य की विशेष आवश्यकताओं की पूर्ति और अवस्थापना सुविधाओं को पहाड़ चढ़ाने में पेश आ रही कठिनाइयों को दूर करने का रोडमैप सुझा सकता है।
राज्य सरकार आगामी चार मार्च को गैरसैंण में होने जा रहे विधानसभा सत्र में अगले वित्तीय वर्ष का बजट पेश करने जा रही है। नए बजट को कई मायनों में खास माना जा रहा है। चार वर्ष पूरे करने जा रही त्रिवेंद्र सरकार शेष बचे चुनावी वर्ष में विकास को लेकर व्यावहारिक एजेंडा सामने रखने की तैयारी है। इसके लिए अंदरखाने मशक्कत की जा रही है। बजट सत्र से पहले खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत दिल्ली दौरे पर विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर रहे हैं। कोशिश की जा रही है कि राज्य के विकास को बेहद जरूरी योजनाओं पर केंद्र से ज्यादा मदद हासिल की जाए।
उत्तराखंड को चाहिए ढांचागत मदद
बीती 20 फरवरी को नीति आयोग की गवर्निंग बाडी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत राज्य का पक्ष रख चुके हैं। दरअसल राज्य के सामने सबसे बड़ी चुनौती आधारभूत सुविधाओं के विकास की है। कृषि, बागवानी के प्राथमिक सेक्टर से लेकर सर्विस सेक्टर तक तकरीबन हर क्षेत्र में इसकी जरूरत है। पर्यटन प्रदेश का ख्वाब भी बुनियादी ढांचे की मजबूती पर टिका है। ऐसे में राज्य को नीति नियोजन में नीति आयोग से विशेष मदद मिलने के संकेत हैं।