उत्तराखंड में एक और हादसे की आशंका को लेकर ऋषिगंगा के ऊपर बनी कृत्रिम झील का किया निरीक्षण
उत्तराखंड में एक और हादसे को लेकर खतरा टलता दिख रहा है. 30 एक्सपर्ट की एक टीम ने ऋषिगंगा के मुंह को करीब 15 फीट चौड़ा कर दिया है. यहां पानी के जमाव से एक झील बन गई थी.
पानी के ज्यादा दबाव के चलते इसके टूटने का खतरा मंडरा रहा था. रैणी में हुए हिमस्खलन के बाद ऋषिगंगा के ऊपर बनी कृत्रिम झील का निरीक्षण करने के लिए एक्सपर्ट की एक टीम शनिवार को यहां पहुंची थी.
बता दें कि उत्तराखंड में सात फरवरी को ग्लेशियर टूटने से आयी विकराल बाढ़ के बाद कम से कम 68 लोगों की मौत हो गयी जबकि 140 लोग अब भी लापता हैं.
राज्य आपदा रिसपॉन्स टीम के कमांडेंट नवनीत भुल्लर के मुताबिक उनकी टीम ने झील के मुहाने को लगभग 15 फीट चौड़ा करने में कामयाबी हासिल की. लिहाजा अब यहां पानी का तेजी से निकास हो रहा है.
भुल्लर ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत करते हुए कहा एक साहसिक प्रयास था. टीम ने झील के मुहाने को बहुत कठिन इलाके में चौड़ा कर दिया है. अब इससे झील के फटने या चमोली जैसी त्रासदी के दोबारा होने की संभावना कम हो गई है. और हमारे टीम के सदस्य अभी भी मुंह को और भी चौड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं.
इस टीम में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और यूएसएसी से चार-चार वैज्ञानिक शामिल हैं. ये टीम मुश्किल इलाकों से होते हुए पैदल झील तक पहुंची. चूंकि रैणी ग्राम पंचायत के आसपास के क्षेत्र में सड़कें हाल ही में आई बाढ़ में बह गई हैं
First team to reach at lake: Indo-Tibetan Border Police (ITBP) team reached murenda where a natural lake is formed after recent floods in #Chamoli, Uttarakhand. The team established the base camp, selected location for Helipad. Another team with DRDO team to reach soon.#Himveers pic.twitter.com/JHldvqrW5F
— ITBP (@ITBP_official) February 17, 2021
विशाल इलाका दलदल में तब्दील हो गया है, इसलिए टीम के सदस्यों की झील तक की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए मेहनत करनी पड़ी. टीम के साथ नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग का एक पर्वतारोही दल और एसडीआरएफ के जवान भी हैं.
उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषि गंगा के मुहाने पर बनी झील में करीब 4.80 करोड़ लीटर पानी होने का अनुमान लगाया गया है. इस आकलन के हिसाब से झील में करीब 48 हजार घन मीटर पानी है. इसके टूटने से बड़ा हादसा हो सकता था.