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असम में हजार से ज्यादा उग्रवादियों ने मुख्यमंत्री के सामने डाले हथियार, सीएम ने कहा- उग्रवाद मुक्त राज्य की ओर

खूंखार उग्रवादी इंगती कटहर सांगबिजीत और 1,039 अन्य उग्रवादियों ने मुख्य धारा में लौटने के लिए मंगलवार को असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के समक्ष हथियार डाल दिए। ये उग्रवादी पांच संगठनों पीपुल्स डेमोक्रेटिक काउंसिल आफ कार्बी लांगरी (पीडीसीके), कार्बी लांगरी एनसी हिल्स लिबरेशन फ्रंट (केएलएनएलएफ), कार्बी पीपुल्स लिबरेशन टाइगर (केपीएलटी), कूकी लिबरेशन फ्रंट (केएलएफ) और यूनाइटेड पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (यूपीएलए) से संबंधित हैं।

सांगबिजीत पीडीसीके का प्रमुख है। पहले वह प्रतिबंधित नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट आफ बोडोलैंड का कमांडर इन चीफ था। वह पूर्व बोडोलैंड टैरिटोरियल एरिया डिस्टि्रक्ट्स में जनसंहार की कई वारदातों में शामिल था। इन वारदातों में मारे गए ज्यादातर लोग अल्पसंख्यक समुदाय के थे। एनडीएफबी के रंजन दैमरी गुट द्वारा वारदातों से दूरी बना लेने के बाद सांगबिजीत हाशिये पर चला गया था। इसके बाद उसने कार्बी आंगलांग जिले में पीडीसीके का गठन किया था।

कार्बी आंगलांग और पश्चिम कार्बी आंगलांग जिलों के आत्मसमर्पण करने वाले 1,040 उग्रवादियों का मुख्यधारा में स्वागत करते हुए सोनोवाल ने कहा कि उनकी सरकार असम को उग्रवाद मुक्त राज्य बनाने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘समाज में लौट रहे युवाओं को हम हरसंभव मदद दे रहे हैं। हम वित्तीय मदद के साथ-साथ लाजिस्टिक मदद भी प्रदान कर रहे हैं। हम इसे जारी रखेंगे।’ आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों ने 338 हथियार भी जमा किए हैं। इनमें 58 एके श्रृंखला की राइफलें, 11 एम-16 गन और चार हल्की मशीन गनें शामिल हैं। इन उग्रवादियों के साथ अगले दो दिनों के भीतर औपचारिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

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