उत्तर प्रदेश : कांग्रेस पर आई एक और मुसीबत महासचिव ने पार्टी से दिया इस्तीफा
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के महासचिव ब्रह्म स्वरूप सागर ने मंगलवार को पार्टी में समूहवाद और अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया.
सागर, जिन्हें महत्वपूर्ण संगठनात्मक जिम्मेदारी दी गई थी, उन्होंने उसी दिन पार्टी छोड़ दी, जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मथुरा में एक ‘किसान पंचायत’ में भाग लिया.
सागर पहले बहुजन समाज पार्टी में थे और 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे. हालांकि वे इन चुनावों में हार गए, लेकिन इसके बावजूद सागर को पार्टी में महत्वपूर्ण काम सौंपा गया था.
कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार कैसर जहां, रमाकांत यादव, सावित्रीबाई फुले जैसे कुछ ऐसे नेता हैं, जो हाल ही में कांग्रेस पार्टी छोड़कर अन्य संगठनों में शामिल हुए हैं.
19 फरवरी को वरिष्ठ नेताओं का एक समूह समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हुआ था, जिसमें दो पूर्व मंत्री आर. के. चौधरी (लखनऊ) और जय नारायण तिवारी (सुल्तानपुर) शामिल हैं. इन दिग्गज नेताओं ने सपा में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ दी.
चौधरी कांग्रेस में शामिल होने से पहले बहुजन समाज पार्टी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. तिवारी कल्याण सिंह सरकार में मंत्री थे. पत्रकारों से बात करते हुए, पूर्व मंत्रियों ने कहा कि कांग्रेस ‘दिशाहीन’ और ‘भ्रमित’ हो गई है और वे पार्टी में ‘घुटन’ महसूस कर रहे थे.