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दिल्ली बजट: स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष ध्यान देगी केजरीवाल सरकार, कोरोना का भी दिखेगा असर

कोरोना महामारी को देख चुकी दिल्ली सरकार इस बार के बजट में स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष जोर देगी। 15 मार्च से संभावित बजट सत्र के दौरान दिल्ली के अस्पतालों में ज्यादा से ज्यादा वेंटिलेटर व कई तकनीकी सुविधाओं पर काम किया जाएगा। वहीं सरकार कोरोना काल के दौरान घर पर बैठे स्कूली बच्चों की पढ़ाई, ऑनलाइन पढ़ाई व शिक्षा में सुधार के अलावा कई पहलुओं को देखते हुए बजट पेश करेगी, वहीं यमुना को निर्मल करना भी सरकार के प्रमुख एजेंडे में शामिल है। इसके अलावा दिल्ली सरकार का दिल्ली को प्रदूषण रहित बनाना एक सपना है। प्रदूषण दूर करने को लेकर भी योजनाएं इस बार भी बजट में दिखेंगी।
राजस्व घाटे का बजट पर भी दिखेगा असर कोरोना महामारी के दौरान दिल्ली का राजस्व बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और इसका असर आने वाले बजट में भी दिखाई देगा। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली विधानसभा आगामी वर्ष 2021-2022 का बजट सत्र 15 मार्च से बुला सकती है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार दिल्ली सरकार का बजट पिछले वर्ष के मुकाबले 40 फीसद तक कम हो सकता है। ऐसे में दिल्ली की कई परियोजनाओं के लिए जारी होने वाला राजस्व घटाया जाएगा। हालांकि दिल्लीवासियों को मिल रही मुफ्त बिजली, पानी व बसों में महिलाओं को सफर की सुविधा बंद नहीं होगी। दिल्ली सरकार बजट बनाते समय इन सभी सुविधाओं के लिए अलग से व्यवस्था करेगी। साथ ही सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन व सड़कों सहित अन्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए ऋण भी ले सकती है। सूत्रों की मानें तो इस बजट में दिल्ली सरकार अनधिकृत कॉलोनियों के विकास पर विशेष जोर देगी। ऐसा माना जा रहा है कि अगले साल होने वाले दिल्ली नगर निगम चुनाव को देखते हुए दिल्ली सरकार कई बहुआयामी योजना की घोषणा कर सकती है। गौरतलब है कि पिछले 2020-2021 के बजट सत्र के मुकाबले इस बार की अनुमानित राशि आधे से भी कम हो सकती है। बीते वर्ष 2020-21 में दिल्ली सरकार ने 65 हजार करोड़ का बजट पेश किया था, मगर कोरोना के चलते सरकार को राजस्व के मामले में बड़ा झटका लगा है। सरकार को 42 फीसद कम राजस्व मिला है। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली सरकार दिल्ली में कई मुफ्त योजनाएं चला रही है।

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