केंद्र सरकार करने जा रही नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़े बदलाव
1 अप्रैल से केंद्र सरकार नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़े बदलाव कर सकती है. नौकरी करने वालों की ग्रेच्युटी, पीएफ और काम करने के घंटों में बड़ा बदलाव किया जा सकता है.
ऐसा माना जा रहा है कि कर्मचारियों के पीएफ में एक ओर जहां इजाफा हो सकता है. वहीं, उनकी टेक होम सैलरी कम हो सकती है. इसके अलावा कंपनियों की बैलेंस शीट में भी कई तरह के बदलाव देखने को मिल सकते हैं.
आपको बता दें पिछले साल संसद में पास किए गए तीन मजदूरी संहिता विधेयक (कोड ऑन वेजेज बिल) की वजह से ये बदलाव हो सकते हैं. इन विधेयकों के इस साल 1 अप्रैल से लागू होने की संभावना है.
1. सैलरी में होगा बदलाव
सरकार के प्लान के मुताबिक, 1 अप्रैल से मूल वेतन (सरकारी नौकरियों में मूल वेतन और महंगाई भत्ता) कुल सैलरी का 50 फीसदी या अधिक होना चाहिए. सरकार का दावा है कि इस बदलाव से नियोक्ता और श्रमिक दोनों को फायदा होगा.
2. पीएफ में हो सकता है इजाफा
इसके अलावा नए नियमों के मुताबिक, आपके पीएफ में एक ओर जहां इजाफा होगा वहीं, आपकी इन हैंड सैलरी कम हो जाएगी. बता दें मूल वेतन कुल वेतन का 50 फीसदी या अधिक होना चाहिए. इस बदलाव के बाद ज्यादातर लोगों का सैलरी स्ट्रक्चर चेंज हो सकता है. बता दें मूल वेतन बढ़ने से आपके पीएफ में भी इजाफा होगा क्योंकि ये आपकी बेसिक सैलरी पर आधारित होता है.
3. 12 घंटे काम करने का प्रस्ताव
इसके अलावा अधिकतम काम करने के घंटों को बढ़ाकर 12 करने का भी प्रस्ताव रखा गया है. इसके अलावा 15 से 30 मिनट तक एक्सट्रा काम करने को भी ओवरटाइम में शामिल किया जाने का प्रावधान है. मौजूदा समय में अगर आप 30 मिनट से कम समय के लिए एक्सट्रा काम करते हैं तो उसको ओवरटाइम में नहीं गिना जाता है.
4. 5 घंटे काम करने के बाद आधे घंटे का ब्रेक
इसके अलावा 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम करने पर प्रतिबंध किया जाएगा. सरकार का मानना है कि कर्मचारियों को 5 घंटे काम करने के बाद आधे घंटे का ब्रेक दिया जाना चाहिए.
5. रिटायरमेंट की राशि में होगा इजाफा
पीएफ की राशि बढ़ जाने से रिटायरमेंट की राशि में भी इजाफा होगा. रिटायरमेंट के बाद लोगों को इस राशि से काफी मदद मिलेगी. पीएफ और ग्रेच्युटी बढ़ने से कंपनियों की लागत में भी वृद्धि होगी क्योंकि उन्हें भी कर्मचारियों के लिए पीएफ में ज्यादा योगदान देना पड़ेगा.