मुख्यमंत्री ने विधान परिषद में वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट पर चर्चा में प्रतिभाग किया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए प्रस्तुत बजट की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है। राज्य के बजट की सराहना राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न संस्थाओं एवं विषय विशेषज्ञों द्वारा की गई है।
कोविड-19 के प्रभाव के बावजूद बजट का दायरा बढ़ा है। यह वर्तमान सरकार द्वारा पहले दिन से बनायी गयी कार्ययोजना से सम्भव हुआ है। कोरोना काल में राज्य सरकार द्वारा बजट प्रस्तुत किया जाना और इस पर सभी वर्गों की सकारात्मक टिप्पणी प्रदेश के सही दिशा में आगे बढ़ने का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां विधान परिषद में वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट पर चर्चा में प्रतिभाग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया विकास का रोडमैप है। इससे प्रदेश को विकास के उच्चतर आयाम प्राप्त होंगे।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 का बजट किसानों, वर्ष 2018-19 का बजट बुनियादी ढांचे, औद्योगिक विकास, वर्ष 2019-20 का बजट महिलाओं के सशक्तिकरण, वर्ष 2020-21 का बजट युवाओं तथा वर्ष 2021-22 का बजट प्रदेश के समग्र व समावेशी विकास द्वारा विभिन्न वर्गों का स्वावलम्बन से सशक्तिकरण का बजट है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 की चुनौती का सामना करने के साथ ही विभिन्न कार्यों को आगे बढ़ाया गया। इस समय में भी कर्मचारियों को निर्बाध वेतन भुगतान किया गया। निराश्रितों को राशन, भरण-पोषण भत्ता
वृद्ध निराश्रित महिलाओं, दिव्यांगजन को पेंशन, जनधन खाताधारी महिलाओं को आर्थिक सहायता, स्ट्रीट वेण्डर, पल्लेदार, कुली, रेहड़ी-खोमचे वाले श्रमिकों आदि सभी जरूरतमंदों को सहायता, अन्त्योदय तथा पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को नियमित राशन उपलब्ध कराया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कानून-व्यवस्था और विकास अनुकूल वातावरण आपस में जुड़े हुए हैं। बेहतर कानून-व्यवस्था से निवेश की सम्भावनाएं बढ़ती हैं। वर्तमान राज्य सरकार ने कानून-व्यवस्था की स्थिति को सुदृढ़ कर प्रदेश में निवेश और औद्योगिक विकास के अनुकूल वातावरण सृजित किया है।
उन्होंने कहा कि आजादी के समय प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत के करीब थी। वर्ष 2015-16 में यह गिरकर राष्ट्रीय औसत की एक तिहाई हो गई थी। वर्तमान सरकार के निरन्तर प्रयासों से प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय में तेजी से वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में वर्ष 2015-16 में राज्य 14वें स्थान पर था। वर्तमान राज्य सरकार द्वारा बेहतर कानून-व्यवस्था, निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सेक्टोरल पॉलिसियों को तैयार कर लागू करने, निवेश पोर्टल की स्थापना, सिंगल विण्डो सिस्टम को लागू किया। वर्तमान में ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में प्रदेश की रैंकिंग देश में द्वितीय है।
राज्य सरकार के प्रयासों से औद्योगिक एवं व्यावसायिक गतिविधियों में तेजी से वृद्धि हुई है। कृषि निवेश में वृद्धि, कृषि को तकनीक से जोड़ने, कृषि में विविधीकरण को बढ़ावा देने, परम्परागत उद्यमों को प्रोत्साहित करने से राज्य की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हुई और बजट का दायरा बढ़ा है। वर्ष 2015-16 में प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में 5वें या छठे स्थान पर थी। पिछले 04 वर्षाें में प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के माध्यम से व्यवसाय की सुगमता को बढ़ाया है। साथ ही, ईज ऑफ लिविंग के माध्यम से जीवन-यापन की सुगमता को बढ़ाने के लिए कार्य किया जा रहा है।
यह प्रधानमंत्री जी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के संकल्प के अनुकूल है। प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप वर्ष 2022 तक हर परिवार को घर के लिए कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में इस योजना में शहरी और ग्रामीण इलाकों में 40 लाख आवास उपलब्ध कराए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार पूरी ईमानदारी से सभी वर्गों तक तक बिना किसी भेदभाव के योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए कार्य कर रही है। ऐसे गरीब और जरूरतमंद परिवार, जो प्रधानमंत्री आवास योजना से आच्छादित नहीं हैं, उनके लिए मुख्यमंत्री आवास योजना संचालित की जा रही है।
योजना के तहत मुसहर, वनटांगिया सहित विभिन्न वर्गों के परिवारों को लाभान्वित किया जा रहा है। वर्तमान राज्य सरकार ने वनटांगिया गांवों को राजस्व गांव का दर्जा देकर वोटिंग राइट, पक्के मकान, बिजली, सड़क, पेंशन योजनाओं से लाभान्वित किया। इन गांवों में पहली बार पंचायत चुनाव भी होने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने पेपर लेस बजट प्रस्तुत किया। तकनीक से बजट को जोड़ा गया है। साथ ही, ई-कैबिनेट भी आयोजित की गयी। यह प्रदेश की उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि तकनीक के प्रयोग से कोरोना काल में आमजन तक विभिन्न सुविधाओं को पहुंचाने में सफलता मिली।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने खर्च को नियंत्रित कर तथा आय बढ़ाकर प्रदेश की आकांक्षाओं की पूर्ति की ओर कदम बढ़ाया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 का प्रस्तुत बजट आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की संकल्पना को साकार करने वाला बजट है।
उन्होंने कहा कि बजट में कोई अतिरिक्त कर नहीं लगाया गया है। राज्य सरकार की कार्यपद्धति में बदलाव से आय बढ़ी है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही स्टेट जी0एस0टी0 से होने वाली आय 01 लाख करोड़ रुपये की सीमा पार कर लेगी।
वर्ष 2020-21 में एक्साइज के माध्यम से 35 हजार करोड़ रुपये से अधिक, स्टाम्प एवं रजिस्टेªशन में लगभग 23 हजार करोड़ रुपये, भूतत्व एवं खनिकर्म में लगभग 04 हजार करोड़ रुपये की आय हुई।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक गन्ना किसानों को 01 लाख 25 हजार 261 करोड़ रुपए के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया है। अब तक करण्ट ईयर का 52 प्रतिशत से अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जा चुका है। बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए भी प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं।
गन्ना किसानों के हित में प्रधानमंत्री जी द्वारा चीनी मिलों में एथेनॉल बनाने की व्यवस्था की गई है। प्रदेश सरकार द्वारा खाण्डसारी उद्योग को पुनर्जीवित किया गया है। कोरोना काल में भी सभी 119 चीनी मिलें संचालित की गईं। वर्तमान सरकार ने बंद चीनी मिलों को फिर से संचालित किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि रबी विपणन वर्ष 2020-21 में लॉक डाउन के दौरान गेहूं की फसल तैयार हुई। राज्य सरकार ने 05 हजार 800 से अधिक क्रय केन्द्रों के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लगभग 36 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की। वर्ष 2020-21 में लगभग 4500 क्रय केन्द्रों के माध्यम से 66 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है तथा किसानों को 11 हजार 200 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया गया है।
राज्य सरकार द्वारा मक्के की खरीद कर किसानों को 197 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि का भुगतान किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ के अन्तर्गत प्रदेश के 02 करोड़ 42 लाख किसानों को लाभान्वित किया गया है। इसके लिए राज्य को भारत सरकार से प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है।
किसानों की आय को वर्ष 2022 तक दोगुना करने के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में आत्म निर्भर कृषक समन्वित विकास योजना प्रस्तावित की गई है। किसानों को मुफ्त पानी की सुविधा के लिए 700 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था भी प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के निराश्रित गोआश्रय स्थलों में 5.5 लाख गोवंश संरक्षित हैं। मुख्यमंत्री निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना में निराश्रित गोवंश रखने पर किसान को 900 रुपये प्रतिमाह का भुगतान किया जाता है।
इसके तहत 04 गोवंश रखने की अनुमति है। कुपोषित बच्चों/माताओं को, स्थान उपलब्ध होने पर एक गाय देने की व्यवस्था की गई है। इसके अन्तर्गत भी 900 रुपये प्रतिमाह धनराशि उपलब्ध करायी जाती है। वाराणसी में गोकुल ग्राम की स्थापना की जा रही है। इन योजनाओं से किसानों को लाभ होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में 05 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। सभी गांवों में बी0सी0 सखी के माध्यम से बैंकिंग सुविधाएं सुलभ कराने का कार्य किया जा रहा है।
प्रत्येक न्याय पंचायत में 02 चंद्रशेखर आजाद ग्रामीण विकास सचिवालय की स्थापना का प्रस्ताव बजट में किया गया है। उन्होंने कहा कि गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। इससे गांव में ही आवश्यक जन सुविधाएं सुलभ होंगी। जन सुविधा केन्द्रों में जाति, आय आदि जैसे प्रमाण-पत्रों के अतिरिक्त बिजली के बिल भी जमा किए जा सकेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बुन्देलखण्ड एवं विन्ध्य क्षेत्र में हर घर नल योजना लागू की गई है। आर्सेनिक, फ्लोराइड, खारे पानी की समस्या से प्रभावित अन्य जनपदों में भी इस समस्या के समाधान के लिए यह योजना लागू की जा रही है।
इस योजना के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र के लिए 15 हजार करोड़ रुपए तथा शहरी क्षेत्र के लिए 02 हजार करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था का प्रस्ताव किया गया है। प्रधानमंत्री जी का वर्ष 2024 तक हर घर नल के संकल्प को पूर्ण कर शुद्ध पेयजल पहुंचाने का है। यह मॉडल एक भारत-श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को साकार करेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के लिए प्रभावी कार्य किया गया है। प्रदेश में 30 मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कराया जा रहा है। सामुदायिक तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले के माध्यम से जन सामान्य की आरोग्यता के लिए कार्य किया जा रहा है। इन मेलों में आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत गोल्डेन कार्ड भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
हर जनपद में ए0एल0एस0 एम्बुलेंस की व्यवस्था की गयी है। जिन 16 जनपदों में मेडिकल कॉलेज नहीं हैं, वहां मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए पॉलिसी बनायी जा रही है, जिसे शीघ्र लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। वर्ष 2021-22 के बजट में इसके लिए नई योजनाएं प्रस्तावित की गई हैं। महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण की समस्या के निदान हेतु मुख्यमंत्री सक्षम सुपोषण योजना तथा महिला सामर्थ्य योजना का क्रियान्वयन प्रस्तावित है।
महिला सामर्थ्य योजना हेतु 200 करोड़ रुपये तथा राष्ट्रीय पोषण अभियान हेतु 415 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ के अन्तर्गत 1200 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। 1535 थानों तथा 350 तहसीलों में महिला हेल्प डेस्क बनायी गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘एक जनपद-एक उत्पाद योजना’ देश की एक अभिनव योजना बन गयी है। इस योजना से परम्परागत उद्यम को बढ़ावा मिला है। निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से विगत 04 वर्षों में 04 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियों में नियोजित किया गया है।
‘मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना’ के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के लिए निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था मण्डल स्तर पर की गई है। यहां पर उन्हें फिजिकली और वर्चुअली मार्गदर्शन किया जाएगा।
भविष्य में इस सुविधा को जनपदवार सुलभ कराया जाएगा। संस्कृत विद्यालयों में अध्ययनरत निर्धन छात्रों को गुरुकुल पद्धति के अनुरूप निःशुल्क छात्रावास एवं भोजन की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में 03 राज्य विश्वविद्यालय-सहारपुर, अलीगढ़ व आजमगढ़ में बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा, लखनऊ में अटल बिहारी बाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, आयुष विश्वविद्यालय, मेरठ में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, प्रयागराज में विधि विश्वविद्यालय की स्थापना करायी जा रही है।
प्रदेश के असेवित मण्डलों में प्रत्येक मण्डल में एक राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-2022 में युवक एवं महिला मंगल दलों, युवा अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने, प्रदेश के विभिन्न जनपदों में अधिवक्ता चैम्बर का निर्माण एवं उनमें अन्य अवस्थापना सुविधाओं के विकास तथा युवा अधिवक्ताओं के लिये पुस्तक एवं पत्रिका आदि के क्रय करने हेतु बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सहमति-असहमति लोकतंत्र की आधारशिला है। विधान मण्डल में दिए गए वक्तव्य, ऐसे दस्तावेज हैं, जिनका अवलोकन कर आने वाली पीढ़ियां हमारे बारे में धारणा बनाएंगी। इसलिए सदन में चर्चा के दौरान शिष्टाचार का पालन करते हुए तर्क संगत ढंग से अपनी बात रखनी चाहिए, जिससे सदन का गौरव बढ़े।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग, व्यक्ति नहीं संस्थाएं हैं। इन संस्थाओं के आधार पर भव्य भारत के निर्माण की संकल्पना साकार होनी है। इसलिए सभी को भारत के संविधान, संवैधानिक संस्थाओं, प्रतीकों के प्रति सम्मान का भाव रखना चाहिए। विभिन्नताओं के बावजूद हम सभी को देश की एकता और अखण्डता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करना चाहिए।