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आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिये खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को दिया जा रहा है बढ़ावा

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल दिशा-निर्देशन में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने हेतु सरकार द्वारा ठोस व प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं।

इस बहुआयामी एवं ग्रामोन्मुखी इस योजना को पूरे प्रदेश में ग्रामीण स्तर तक ले जाकर वास्तविक पात्र लोगों को लाभ दिलाने की हर सम्भव कोशिश की जा रही है।

उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार के प्रयासों से भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजनान्तर्गत 50 परियोजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गयी है।

इन परियोजना प्रस्तावों के माध्यम से प्रदेश में रू0 1063.42 करोड़ का निवेश किया जा रहा है, जिनमें एक लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होगा तथा प्रदेश के खाद्य प्रसंस्करण विभाग को अधुनिकतम अवस्थापना सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी।

उ0प्र0 खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2017 के तहत अब तक 709 आॅनलाइन आवेदन प्राप्त हुये हैं, जिनमें धनराशि रू0 3635.57 करोड़ का निजी पूंजी निवेश प्रस्तावित है, जिससे 21987 प्रत्यक्ष एवं 32844 अप्रत्यक्ष कुल 54831 रोजगार सृजन संभावित हैं।

इसके सापेक्ष अब तक 379 प्रस्ताव स्वीकृत किये गये हैं, जिनमें रू0 1278.60 करोड़ का निजी पूंजी निवेश हो रहा है और 30538 रोजगार सृजन हो रहा है।

वर्ष 2018-19 से संचालित महात्मा गांधी खाद्य प्रसंस्करण ग्राम स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत 50 जनपदों में न्याय पंचायत स्तर पर 03 दिवसीय खाद्य प्रसंस्करण जागरूकता शिविर में लगभग 33150 एवं जनपद स्तर पर 01 माह के उद्यमिता विकास प्रशिक्षण के 135 कार्यक्रमों में लगभग 3660 लाभार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

प्रशिक्षण के उपरान्त इच्छुक लाभार्थियों से सूक्ष्म/लघु इकाई स्थापित कराने हेतु 356 प्रस्ताव स्वीकृत किये गये, जिसके सापेक्ष 189 इकाईयों को अनुदान हस्तान्तरित कर इकाईयों की स्थापना करायी जा चुकी है।

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