जाने कब है विजया एकादशी का व्रत साथ ही जाने शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार 9 मार्च को फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है. इस एकादशी तिथि को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है. एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन भगवान विष्णु की विशेष उपासना करने से जीवन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने में मदद मिलती है.
एकादशी की तिथि आरंभ सोमवार यानि 8 मार्च से होगा. लेकिन व्रत की प्रक्रिया 9 मार्च को जाएगी. वहीं एकादशी व्रत का पारण 10 मार्च को किया जाएगा. एकादशी के व्रत में पारण का विशेष महत्व बताया गया है. यानि इस व्रत का आरंभ और समापन विधि पूर्वक करने से ही इस एकादशी व्रत का पूर्ण पुण्य प्राप्त होता है.
एकादशी व्रत को सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है. महाभारत और रामायण काल में भी एकादशी व्रत का वर्णन पौराणिक कथाओं में मिलता है. महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर धर्मराज युधिष्टिर ने एकादशी का व्रत रखा था, वहीं भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को इस व्रत के महामात्य के बारे में बताया था.
लंकापति रावण से युद्ध आरंभ होने पर समुद्र पार करने से पहले एकादशी का व्रत रखा था. एकादशी व्रत के बारे में ऐसे माना जाता है कि यह व्रत सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करता है. इस व्रत को रखने से जीवन में सुख समृद्धि और आरोग्य प्राप्त होता है.
विजया एकादशी का व्रत जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करता है. संकटों पर यह व्रत विजय दिलाता है. इसीलिए इस एकादशी का विजया एकादशी कहा गया है. व्रत के दौरान विधि पूर्वक पूजा करनी चाहिए और दान आदि का कार्य करने शुभ फल प्राप्त होते हैं.
8 मार्च: दोपहर 03 बजकर 44 मिनट से एकादशी तिथि का आरंभ
9 मार्च: विजया एकादशी व्रत
एकादशी तिथि समापन: 09 मार्च दोपहर 03 बजकर 02 मिनट पर
विजया एकादशी व्रत पारणा मुहूर्त: 10 मार्च को प्रात: 06 बजकर 37 मिनट से प्रात: 08 बजकर 59 मिनट तक