उत्तराखंड मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत राज्यपाल से मिलकर आज दे सकते है इस्तीफा
उत्तराखंड में चल रहे सियासी संकट को लेकर तस्वीर साफ होने लगी है. सियासी सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अब से कुछ ही देर बाद 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. इसके बाद शाम 4 बजे राज्यपाल से मिलकर इस्तीफा दे सकते हैं.
दोपहर 3 बजे की प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही सीएम रावत राज्य के अगले मुख्यमंत्री के नाम का प्रस्ताव रख सकते हैं. सूत्रों के अनुसार, बीजेपी नेता धन सिंह रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं. उनके नाम का प्रस्ताव खुद सीएम रावत रख सकते हैं.
इसके साथ ही प्रदेश में अब एक डिप्टी सीएम भी बनाया जा सकता है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी नेता पुष्कर सिंह धामी को राज्य का डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है. गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चल रहे संकट से सियासी हलचल बढ़ गई है.
आज सुबह में जहां सीएम रावत की कुर्सी सलामत रहने की बातें सियासी हलकों में तैर रही थीं, वहीं दोपहर बाद उनके इस्तीफे की चर्चा सरगर्म है. सीएम रावत और प्रदेश बीजेपी के अन्य शीर्ष नेताओं ने बीते दिनों दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की थी.
कई बैठकों के बाद सीएम रावत के बारे में खबरें आई कि संभवतः वे अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब हो गए हैं. लेकिन राज्यपाल से मुलाकात करने की खबरों के बाद रावत के पद पर बने रहने की संभावनाओं को कम करके देखा जा रहा है.
देहरादून के सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की भी चल रही है कि सीएम रावत आज शाम 4 बजे गवर्नर से मुलाकात कर सकते हैं. वहीं इससे पहले रावत और उत्तराखंड बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली आकर केंद्रीय नेतृत्व के साथ बातचीत की है.
इसमें उत्तराखंड के सियासी संकट का हल खोज लेने का दावा किया जा रहा था. लेकिन अब जबकि सीएम रावत और उत्तराखंड के राज्यपाल की मुलाकात होने की खबरें आई हैं, उसके बाद से प्रदेश सरकार में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर राजनीति गरमा गई है.
वहीं, कुछ देर पहले उतराखंड में ऑब्जर्वर के तौर पर गए दुष्यंत गौतम ने न्यूज18 हिन्दी के साथ बातचीत करते हुए कहा था कि उतराखंड में सब ऑल इज वेल है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत दिल्ली में केन्द्रीयतव नेतृत्व से मिलने आए थे, क्योंकि दिल्ली में भाजपा का मंदिर है.
उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ही इस पद पर बने रहना चाहिए, क्योंकि पिछले चार साल में उन पर कोई भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है. साथ ही उतराखंड में अच्छा काम हुआ है. बाक़ी उतराखंड में मुख्यमंत्री को लेकर फ़ैसला केन्द्रीय नेतृत्व करेगा.