अवैध मदिरा के व्यापार के विरूद्ध प्रभावी अभियान चलाकर कठोर कार्यवाही सुनिश्चित करें
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अवैध मदिरा का निर्माण, व्यापार, तस्करी जैसी गतिविधियों पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जाये, जिससे राजस्व में और अधिक बढ़ोत्तरी हो सके। आगामी त्योहार होली व पंचायत चुनाव के दृष्टिगत विभाग के आला अधिकारियों को पैनी नजर रखने की आवश्यकता है।
प्रवर्तन का कार्य युद्धस्तर पर किया जाये और उसके परिणाम भी दिखाई दें। आबकारी विभाग का प्रदेश की जीडीपी बढ़ाने में विशेष योगदान है। प्रदेश सरकार भी विभाग के प्रति अथक प्रयास कर रही है।
यह बात प्रदेश के आबकारी मंत्री श्री रामनरेश अग्निहोत्री ने आज यहां गन्ना संस्थान में आबकारी विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विगत दिनों हुई घटनाओं से विभाग तथा सरकार की छवि धूमिल हो रही है, ऐसे लोगों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने की आवश्यकता है।
श्री अग्निहोत्री ने कहा कि अवैध मदिरा के व्यापार पर अभी पूर्णतः अंकुश नहीं लगा है, विशेष रूप से हरियाणा व दिल्ली के बार्डर से लगे जनपदों के अधिकारी अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में अवैध मदिरा के व्यापार के विरूद्ध प्रभावी अभियान चलाकर कठोर कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि आसवनियों के कार्य-कलापों पर कड़े नियंत्रण की भी आवश्यकता है।
आबकारी मंत्री ने समीक्षा बैठक करते हुए कहा कि माह फरवरी तक आबकारी विभाग द्वारा 25704 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है जो विगत वर्ष की अपेक्षा 218 करोड़ रूपये अधिक है। शीरे के उत्पादन पर विशेष ध्यान आकर्षित करने की आवश्यकता है।
प्रदेश में फरवरी माह तक 374.97 लाख कु0 शीरे का उत्पादन हुआ है, जिससे लगभग 219 लाख कु0 का उपभोग प्रदेश की आसवनियों द्वारा किया जा चुका है और लगभग 12 लाख कु0 शीरे का निर्यात अन्य प्रदेशों को किया गया है।
श्री अग्निहोत्री ने बताया कि एथनाल की आपूर्ति के लिए शीरे का अधिक से अधिक उपयोग एथनाल के लिए किया जा रहा है। ऐसी दशा में शीरे पर विशेष निगाह रखने की आवश्यकता है ताकि इसका डाइवर्जन अवैध मदिरा के निर्माण हेतु न हो सके।
उन्होंने कहा कि जनपदों से ओवररेटिंग की शिकायत लगातार आ रही है, ऐसे अधिकारी जो ऐसे कार्यों में लिप्त हों उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।
आबकारी मंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि राजस्व लक्ष्यों की पूर्ति शत-प्रतिशत सुनिश्चित की जाये, आसवनियों से अल्कोहल व मदिरा की निकासी पर पूर्ण सतर्कता बरतें, मदिरा की दुकानों की नियमित चेकिंग करें, इस कार्य में शिथिलता न बरतें।
समीक्षा बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव आबकारी श्री संजय आर0 भूसरेड्डी ने कहा कि अब प्रदेश में आबकारी विभाग के कार्यालयों में बायोमैट्रिक उपस्थिति सिस्टम लगाया जायेगा। जिससे कार्यों के क्रियान्वयन में गतिशीलता मिलेगी।
उन्होंने कहा कि विभिन्न जनपदों में ओवररेटिंग की शिकायतें आ रही हैं। जहां पर मदिरा की दुकानों से एमआरपी से अधिक दाम पर मदिरा की बिक्री की जा रही है। ऐसी स्थिति में सम्बंंिधत अधिकारी जो ऐसे कार्यों में लिप्त हैं उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।
श्री भूसरेड्डी ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों के थोक विक्रेता देशी शराब, विदेशी शराब, माॅडल शाप, बीयर बार व पर्सनल बार के लिए अनुज्ञापी की प्राप्ति कर सकेंगे। इस हेतु अगर कोई व्यक्ति अनुज्ञापन चाहता हो तो वह नचमगबपेमवदसपदमण्पद पर आॅनलाइन आवेदन कर सकता है।
यहां पर उस व्यक्ति को अनुज्ञापन शुल्क की जानकारी तथा उससे जुड़े नियम एवं शर्तों की जानकारी आसानी से मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि इस वेबसाइट पर आवेदन 31 मार्च, 2021 तक किया जा सकता है। इसके साथ ही अधिक जानकारी के लिए जिला आबकारी अधिकारी के कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं।
बैठक के दौरान आयुक्त आबकारी श्री पी0 गुरूप्रसाद ने कहा कि शीरे की चोरी पर रोक लगाने के लिए प्रदेश के सभी 120 चीनी मिलों में फ्लोट मीटर अगले पेराई सत्र से पहले लगाने के निर्देश दिये हैं।
अगले सत्र की पेराई फ्लोट मीटर लगाने के बाद ही की जायेगी। उन्होंने कहा कि निर्देशों का पालन न करने पर सम्बंधित चीनी मिल के अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही की जायेगी।