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बाल श्रमिकों के चिन्हांकन के लिए 10 मार्च से 25 मार्च तक चल रहा विशेष अभियान

प्रदेश सरकार ने गरीबों के बच्चों को बंधुआ मजदूरी तथा बाल श्रम के अभिशाप से मुक्त कराने के लिए बाल श्रमिकों को चिन्हित करने हेतु 10 मार्च से 25 मार्च 2021 तक प्रदेश के समस्त जिलों में बाल श्रम उन्मूलन के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश सभी मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को दिए हैं।


इस संबंध में अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन श्री सुरेश चंद्रा ने शासनादेश जारी कर दिया है। शासनादेश में उन्होंने कहा है कि बाल श्रमिकों के चिन्हांकन की कार्यवाही बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम-2016 के अनुसार की जाएगी। इसके लिए पूर्व में निर्गत शासनादेशों में निहित प्राविधानों व निर्देशों का भी अनुपालन किया जाएगा।

अभियान के दौरान प्रदेश के समस्त जनपदों में 10 मार्च से 25 मार्च 2021 तक विशेष अभियान चलाकर बाल श्रमिकों एवं किशोर श्रमिकों के चिन्हांकन व पुनर्वासन की कार्यवाही की जायेगी। साथ ही ऐसे सभी स्थलों व प्रतिष्ठानों को भी चिन्हित किया जायेगा, जहां पर बाल श्रमिकों के नियोजन की पूर्ण संभावना हो।

बाल श्रमिकों के चिन्हांकन के लिए गठित टॉस्क फोर्स एवं टीमों को बाल श्रम अधिनियमों तथा अभियान के संबंध में समस्त जानकारी उपलब्ध कराई जाए, जिससे कि अभियान के दौरान प्रभावी प्रवर्तन हो सके।

इस दौरान बाल श्रम नियोजन के दुष्परिणामों से जन सामान्य को भी अवगत कराया जाए। अभियान के दौरान जिन बाल श्रमिकों को चिन्हित किया जाए, उनका विवरण व उनसे संबंधित कार्यवाही को चमदबपसण्हवअण्पद पोर्टल पर भी अपलोड किया जाए।
अपर मुख्य सचिव ने निर्देशित किया है कि अभियान के सकुशल संचालन हेतु श्रम विभाग के अतिरिक्त अन्य विभागों के अधिकारियों में परगना मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, खंड विकास अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी तथा समन्वयक बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी बाल श्रम अभियान हेतु गठित टीमों में सम्मिलित किया जाए।

उन्होंने समस्त क्षेत्रीय अपर/उप/सहायक श्रम आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि वे संबंधित जिलाधिकारी से संपर्क स्थापित कर

उनके दिशा निर्देशन में इस अभियान को सकुशल व प्रभावी रूप से सुनिश्चित कराएं तथा अभियान के दौरान की गई कार्रवाई का विवरण श्रम आयुक्त कार्यालय को 26 मार्च 2021 तक हर हाल में उपलब्ध कराना भी सुनिश्चित करेंगे।

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