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देश में कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत, 24 घंटों में सार्वधिक 22854 नए मामले सामने आए

देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। गुरुवार को 24 घंटों के दौरान इस साल कोरोना के सार्वधिक 22,854 मामले सामने आए। वहीं पिछले कुछ हफ्तों से पंजाब और महाराष्ट्र में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर के लिए भी स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि गुरुवार को राजधानी में 409 नए केस सामने आए हैं। यह लगभग दो महीनों में एक दिन में आए सबसे ज्यादा मामले हैं। इन बढ़ते मामलों ने जानकारों के मन में सवाल पैदा कर दिया है क्या देश में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो चुकी है। इस तरह कोरोना के बढ़ते मामलों से कई सवाल सामने आकर खड़े हो रहे हैं। लेकिन ये चार बिंदू काफी हैं ये बताने के लिए देश में कोरोना की दूसरी लहर आ गई है और वो पूरे देश में फैल रही है।

नए कोरोना मामले के सात दिन का औसत महामारी की पहली लहर के खत्म होने के बाद 67 फीसदी तक बढ़ गया है। 11 फरवरी तक देश में कोरोना के दैनिक मामले 11,000 के करीब आते थे लेकिन बुधवार को खत्म हुए हफ्ते में कोरोना के दैनिक मामले 18,371 आए। आंकड़ों का इस तरह से बढ़ना दिखाता है कि देश में दूसरी लहर की शुरुआत हो गई है।

हालांकि पहले मामले में तेजी हल्की गति से हो रही थी। मामलों में तेजी एक ऐसे समय में हो रही है, जब कई आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों पर प्रतिबंधों में ढील दी गई। यहां चिंता करने वाली बात यह है कि पश्चिमी देशों में कोरोना वायरस की कई लहरें देखी गईं लेकिन दूसरी लहर, पहली लहर से ज्यादा खतरनाक रही। दूसरी लहर में पहली लहर के मुकाबले दैनिक मामले ज्यादा आने लगे।

वहीं दूसरी तरफ भारत में कोरोना टेस्टिंग अपने चरम पर कम से कम 40 फीसदी है। पिछले हफ्ते तक हर दिन औसतन 7,25,626 लोगों का टेस्ट लिया जा रहा था। जबकि 10 अक्तूबर 2020 को खत्म होने वाले हफ्ते तक देश में रोजाना 11,96,972 लोगों का टेस्ट लिया जा रहा था।

पंजाब में सात दिवसीय औसत पहले के मुकाबले बढ़ गया है। ये पहली लहर के बाद 509 फीसदी तक बढ़ गया है, जो कि राष्ट्रीय औसत से लगभग आठ गुना ज्यादा है। किसान आंदोलन का केंद्र रहे पंजाब में 27 जनवरी वाले हफ्ते के अंत तक कोरोना के 181 दैनिक मामले आते थे। लेकिन फरवरी के पहले हफ्ते से मामले धीरे-धीरे बढ़ते रहे, जिसके बाद अचानक से मामलों का सात दिवसीय औसत बढ़ गया।

पंजाब के बाद महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर है, जहां कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 11 फरवरी के बाद से महाराष्ट्र में 331 फीसदी तक मामलों में बढ़ोतरी हुई है। महाराष्ट्र में औसतन दैनिक मामले 2,415 से बढ़कर 10,410 हो गए। महाराष्ट्र में अब तक 22 लाख से ज्यादा लोग संक्रमण के शिकार हैं तो वहीं 52,610 मरीजों ने अपनी जान गंवा दी है।

इसके अलावा हरियाणा में किसान आंदोलन की वजह से कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई। पंजाब, महाराष्ट्र के बाद तीसरे नंबर पर हरियाणा आता है। इस राज्य में सात दिवसीय औसत 302 फीसदी तक बढ़ गया है। इसके अलावा मध्यप्रदेश और दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं।

पिछले हफ्ते भारत में हुए कोरोना के परीक्षण में औसतन 2.6 फीसदी सैंपल पॉजिटिव पाए गए। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा बताए गए सकारात्मकता दर यानी पांच फीसदी से काफी कम है लेकिन चिंता की बात यह है कि ये फिर से बढ़ रही है। एक महीने से भी कम, देश में औसतन साप्ताहिक सकारात्मकता दर बढ़ रही है।

सकारात्मकता दर का बढ़ना इसलिए चिंता की बात है क्योंकि जानकारों का मानना है कि ये दर मामलों में बढ़ोतरी को बताती है। ये दर्शाता है कि सामान्य लोगों में सिर्फ मामले बढ़ नहीं रहे हैं बल्कि तेज गति से फैल भी रहे हैं।

देश में सक्रिय मामले बढ़ रहे हैं और ये चिंता की बात है। कोरोना के दैनिक संक्रमित मामलों में से ठीक हुए मामलों को घटाकर जो मामले सामने आते हैं, वो सक्रिय मामलों को दर्शाते हैं। इससे हमें ये पता चलता है कि देश में इन लोगों में मौजूदा समय में कोरोना वायरस संक्रमण है। सक्रिय मामलों में तेजी और गिरावट पर निगरानी करना महत्वपूर्ण है क्योंकि ये वायरस के वास्तविक संक्रमण को बताता है।

सक्रिय मामलों में सात दिनों का औसत पिछले 20 दिनों से सकारात्मक है। 17 फरवरी से पहले 80 दिनों के लिए, सक्रिय मामले नकारात्मक संख्या में आते थे। इसका मतलब यह था कि अगर सप्ताह देश में सक्रिय मामलों में गिरावट देखी जा रही थी। लेकिन पिछले हफ्ते देश में रोजाना 2,251 सक्रिय मामलों को दर्ज किया गया है।

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