बिहार के सुपौल जिले में एक परिवार के सभी पांच सदस्यों के शव उनके ही घर से मिले हैं। सभी शव घर के ही एक कमरे में फंदे से लटकते पाए गए। यह पूरा परिवार पिछले शनिवार के बाद घर से बाहर नहीं निकला था। पड़ोस के लोगों को तेज बदबू का अहसास हुआ और इसके बाद जांच-पड़ताल की गई तो हैरान कर देने वाला यह घटनाक्रम सामने आया। पूरी घटना सुपौल जिले के राघोपुर थाना क्षेत्र के गद्दी गांव के वार्ड चार की है। मृतकों में गृह स्वामी मिश्रीलाल साह (52 वर्ष), उनकी पत्नी पत्नी रेणु देवी (44), बड़ी बेटी रोशन कुमारी (15), बेटा ललन कुमार (14) और छोटी बेटी फूल कुमारी (8 वर्ष) शामिल हैं।
घटना की सूचना मिलते ही खुद पहुंचे एसपी
इस खौफनाक वारदात की सूचना मिलते ही आसपास के इलाके में सनसनी फैल गई। स्थानीय ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची राघोपुर थाने की पुलिस भी घर के अंदर का नजारा देखकर हैरान रह गई। थाने के स्तर से इस बड़ी वारदात की सूचना तुरंत वरीय अधिकारियों को दी गई। सूचना मिलते ही एसपी मनोज कुमार खुद ही घटनास्थल पर पहुंच गए। इसके बाद फोरेंसिक टीम के अलावा वीडियोग्राफर और फोटोग्राफर को बुलाया गया, ताकि एक-एक साक्ष्य को सही तरीके से संग्रहित किया जा सके।
फोरेंसिक टीम के आने का हो रहा इंतजार
वारदात की जांच के लिए पुलिस फोरेंसिक टीम के आने का इंतजार कर रही है। फोरेंसिक टीम के आने के बाद ही शवों को फंदे से उतारा जाएगा। पुलिस हर पहलू से मामले की जांच कर रही है। हालांकि प्रथम दृष्टया मामला सामूहिक आत्महत्या का माना जा रहा है। गांव वाले भी ऐसा ही अंदेशा जाहिर कर रहे हैं।
पिछले शनिवार को ही आखिरी बार देखा गया था परिवार
राघोपुर थाना के गद्दी गांव वार्ड 12 के रहने वाले मिश्रीलाल साह के परिवार वालों को पिछले शनिवार को देखा गया था। इस परिवार को गांव के लोगों से कोई मतलब नहीं रहता था, इसलिए गांव वालों ने भी उनकी कोई खोजबीन नहीं की। बताया जा रहा है कि मिश्रीलाल को तीन बेटियां थीं, जिनमें से एक बेटी ने दो साल पहले घर वालों की मर्जी के खिलाफ प्रेम विवाह कर लिया था। इसके बाद यह परिवार गांव के लोगों से पूरी तरह कट कर रहने लगा था।
पुश्तैनी जमीन बेच कर हो रहा था गुजारा
ग्रामीणों के अनुसार परिवार की आर्थिक हालत काफी खराब थी। मिश्री लाल कोयला बेचने का काम करते थे, लेकिन इसमें अधिक आमदनी नहीं रह गई थी। पिछले कुछ सालों से पुश्तैनी जमीन बेच-बेच कर घर का खर्चा चल रहा था। अब इस परिवार के पास घर वाले हिस्से को छोड़कर कोई दूसरी जमीन भी नहीं बच गई थी। कहा जा रहा है कि परिवार पर काफी कर्ज भी था।