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कल यानि 15 मार्च को है फुलेरा दूज जानें इस दिन का क्या है महत्व ?

फुलेरा दूज का पर्व पंचांग के अनुसार 15 मार्च फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाएगा. इस दिन चंद्रमा मीन राशि में विराजमान रहेगा. फुलेरा दूज का पर्व भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है. मान्यता है कि भगवान इस दिन फुलों से खेलते हैं. इसीलिए इसे फुलेरा दूज कहा जाता है.

फुलेरा दूज से ही होली के पर्व का आगमन माना जाता है. इस दिन से होली की तैयारियां विधिवत आरंभ हो जाती है. मथुरा और बृज में फुलेरा दूज के पर्व पर विशेष आयोजन किए जाते हैं. इसी दिन होली को रखा जाता है, जिसे होलिका दहन के दिन शुभ मुहूर्त में अग्नि दी जाती है.

फुलेरा दूज को अबूझ मुहूर्त का निर्माण होता है. ऐसी मान्यता है कि फुलेरा दूज शुभ कार्यों के लिए उत्तम होती है. इस दिन विवाह जैसे मांगलिक कार्यों को करने के लिए मुहूर्त को देखने की आवश्यकता नहीं मानी जाती है.

पौराणिक मान्यता है कि फुलेरा दूज के दिन भगवान श्रीकृष्ण फुलों से खेलते हैं. इस दिन को उल्लास के पर्व के रूप में भी मनाया जाता है. कृष्ण मंदिरों में इस दिन विशेष पूजन किया जाता है. फुलेरा दूज को राधा और कृष्ण के मिलन की तिथि के रूप में भी मनाया जाता है.

मान्यता है कि इसी दिन राधा ने श्रीकृष्ण के साथ फूलों की होली खेली थी. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा की पूजा करने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है और प्रेम बना रहता है. इसी दिन फुलेरा दूज को शादी विवाह के लिए अच्छा माना जाता है.

फाल्गुन द्वितीया तिथि का आरंभ 14 मार्च को शाम 05 बजकर 06 मिनट से होगा और इसका समापन 15 मार्च को शाम 06 बजकर 49 मिनट पर होगा.

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