जाने खरमास में किन बातों का रखा जाता है ध्यान नहीं होता कोई भी शुभ काम। ..
पंचांग के अनुसार 14 मार्च को फाल्गुन मास का शुक्ल पक्ष आरंभ हो रहा है. इस दिन प्रतिपदा तिथि रहेगी. इसी दिन से खरमास भी आरंभ हो रहे हैं.
खरमास में मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश और कोई नया कार्य इस दौरान नहीं किया जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार खरमास को शुभ नहीं माना गया है.
सूर्य जब बृहस्पति की राशि धनु राशि या मीन राशि मे आते हैं तो खरमास आरंभ होते हैं. खरमास में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश और यज्ञोपवित जैसे मांगलिक कार्य को नहीं किया जाता है. खरमास में पूजा पाठ आदि का विशेष महत्व बताया गया है.
खरमास को दुष्टमास भी कहते हैं. ऐसा माना जाता है कि खरमास में सूर्य की गति धीमी हो जाती है. खरमास का समापन 14 अप्रैल 2021 को होगा.
खरमास में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. खरमास में भगवान का स्मरण करना चाहिए और जीवन में अध्यात्म के महत्व को जानना चाहिए. खरमास में दान का भी विशेष महत्व माना गया है.
खरमास में इष्ट देवता की पूजा करने से भी शुभ फल प्राप्त होते हैं. जिन लोगों के जीवन में सूर्य से संबंधित परेशानी बनी हुई है, वे खरमास में सूर्य देव की उपासना करें. इससे सूर्य संबंधी दोष दूर होता है.
खरमास में जीवनशैली को बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास करना चाहिए. इस दौरान संतुलित आहार लेना चाहिए. खरमास में बुरी आदतों से दूर रहना चाहिए. सकारात्मक विचारों को अपनाना चाहिए. भगवान का ध्यान लगाना चाहिए.