मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अफसरों को नसीहत देते हुए कहा कि अधिकारियों का जनप्रतिनिधियों से लगातार संवाद रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और अपराध पर जीरो टालरेंस की नीति सरकार की प्राथमिकता रहेगी। प्रदेश में जनता की सरकार, जनता के द्वार की परिकल्पना साकार होनी चाहिए। उन्होंने जिलों में महत्वपूर्ण घटनाएं होने पर सरकार और शासन को अनिवार्य रूप से अवगत कराने और कोरोना काल में लाकडाउन के दौरान महामारी और आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत दर्ज मुकदमों को वापस लेने की प्रकिया तुरंत शुरू करने के निर्देश दिए।
रविवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय में जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जनप्रतिनिधियों का पूरा सम्मान हो, उनके साथ लगातार संवाद किया जाए। दरअसल, पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सरकार के समय जनप्रतिनिधियों में अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर खासी नाराजगी देखने को मिली थी। जनप्रतिनिधियों के आरोप थे कि अधिकारी उनके सुनते नहीं हैं और जनप्रतिनिधियों के साथ उनकी संवादहीनता की स्थिति रहती है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जिलाधिकारियों के साथ पहली बैठक में ही यह साफ कर दिया कि जनप्रतिनिधियों के साथ लगातार संवाद स्थापित हो।
बैठक में उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं को दूर करने के लिए बहुद्देशीय शिविरों का आयोजन किया जाए। इनका प्रभावी क्रियान्वयन कर यह सुनिश्चित किया जाए कि आमजन को इसका लाभ मिले और उनकी सभी समस्याएं दूर हों। उन्होंने कहा कि आगामी गर्मियों के सीजन को देखते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि आमजन को पेयजल की दिक्कत न हो। जरूरत पड़ने पर इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं की जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। यह सुनिश्चित किया जाए कि अगले छह माह में सभी स्कूलों में पेयजल, शौचालय, फर्नीचर व बिजली आदि की सभी सुविधाएं हों। इसके लिए बजट की कोई कमी नहीं है। उन्होंने ई-गर्वनेंस के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर देते हुए कहा कि जनता को वास्तव में इसका लाभ मिलना चाहिए। वनाग्नि को रोकने के लिए कुशल प्रबंधन हो। इसके लिए तैयारी कर ली जाए। चारधाम यात्रा और पर्यटन सीजन को देखते हुए पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने मनरेगा और स्वरोजगार योजनाओं के प्रगति के संबंध में भी अधिकारियों से जानकारी ली बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव अमित नेगी, शैलेश बगोली के साथ ही सभी जिलों के जिलाधिकारी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये उपस्थित थे।
तपोवन आपदा प्रभावित गांवों के बारे में ली जानकारी
बैठक में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने चमोली के तपोवन में आपदा प्रभावित गांवों में संचार सुविधाओं के संबंध में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि संचार सुविधाओं को पूरी तरह बहाल करने की दिशा में कदम उठाए जाएं। स्वरोजगार योजनाओं के लिए बैंकों में भी समन्वय हो।