निजीकरण की नीति के खिलाफ बैंक कर्मियों की दो दिवसीय हड़ताल का आज आखिरी दिन, लोग हो रहे परेशान
केंद्र सरकार की निजीकरण की नीति के खिलाफ सरकारी बैंक कर्मियों की दो दिवसीय हड़ताल का आज दूसरा और आखिरी दिन है। हड़ताल की वजह से पहले दिन लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बैंकों से जुड़ा कोई भी लेनदेन नहीं हो सका। वहीं कैश के लिए भी उपभोक्ता भटकते नजर आए। निजीकरण के विरोध में बैंकों के अफसर और कर्मचारी हड़ताल पर रहे। हड़ताल के चलते बैंक शाखाएं बंद रहीं, जिससे करोड़ों का लेनदेन प्रभावित हुआ।
भारतीय बैंक कर्मचारी संगठन के महासचिव सीएच वेंकटचालम ने बताया कि हड़ताल से देशभर में करीब 2 करोड़ चेक का क्लीयरेंस नहीं हो सका। इसमें कुल 16,500 करोड़ की राशि फंसी है। इसके अलावा नकद निकासी, जमा व कारोबारी लेनदेन पर भी असर पड़ा है।
आपको बता दें कि शनिवार, रविवार को बैंक छुट्टियों की वजह से बंद था। और अब सोमवार-मंगलवार का दिन हड़ताल में चला गया, ऐसे में बैंकों की लगातार चार दिन छुट्टी हो गई, जिसके कारण आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।
गौरतलव है कि केंद्र सरकार लगातार विनिवेश की ओर कदम बढ़ा रही है। यही वजह है कि बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने IDBI बैंक और अन्य दो बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव रखा था। बैंक यूनियन इसी का विरोध कर रहे हैं।