राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में क्रियान्वयन हेतु गठित टास्क फोर्स की सातवीं बैठक सम्पन्न : डॉ दिनेश शर्मा
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को समग्र रूप से प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में क्रियान्वयन हेतु उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स की सातवीं बैठक आज यहां विधान भवन स्थित कक्ष संख्या-84 (परिजात) में आयोजित की गई।
बैठक में उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के क्रियान्वयन की दिशा में विभिन्न बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया। इस अवसर पर कमेटी के सदस्यों द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रदेश में क्रियान्वयन के संबंध में बहुमूल्य सुझाव भी दिए गए।
उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने बैठक में कहा कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए शोध को बढ़ावा देने से भारत को पुनः विश्व गुरु बनाया जा सकेगा। उप मुख्यमंत्री ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सुधारों के संबंध में महाविद्यालयों में शोध को बढ़ावा दिए जाने हेतु बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री श्री सतीश चंद्र द्विवेदी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किए जाने का निर्देश दिया।
कमेटी को अगले 15 दिन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। कमेटी में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा, श्रीमती मोनिका एस. गर्ग सदस्य सचिव होंगी, जबकि कुलपति एकेटीयू श्री विनय कुमार पाठक, निदेशक उच्च शिक्षा श्री अमित भारद्वाज, डॉक्टर निशी पांडेय अंग्रेजी विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय, प्रोफेसर अरविंद मोहन अर्थशास्त्र विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय, श्री जे०पी० सिंह प्रिंसिपल केकेसी, लखनऊ सदस्य होंगे।
उपमुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि गरीबों तक उच्च शिक्षा की पहुंच बनाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार तेजी से कार्य कर रही है। इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को प्रदेश में गुणात्मक ढंग से लागू करने तथा नवयुवकों का भविष्य बेहतर बनाने के लिए इस पर विचार विमर्श कर आवश्यक संशोधन भी किया जा रहा है।
उन्होंने नई शिक्षा नीति की कार्ययोजना को उच्च शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर अपलोड करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के पाठ्यक्रम में अधिक से अधिक एकरूपता लाने तथा इसको और बेहतर बनाने पर कार्य करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा व्यवस्था में मौलिकता के साथ भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की झलक होनी चाहिए
बैठक में कॉमन मिनिमम पाठ्यक्रम के संबंध में गठित समिति द्वारा अपना प्रस्तुतीकरण दिया गया, इस दौरान उच्च शिक्षा को रोजगार परक बनाने तथा भारत की संस्कृति एवम दर्शन को लोकप्रिय बनाने के दृष्टिगत पाठ्यक्रमों में एकरूपता लाने हेतु
राज्य विश्वविद्यालयों में 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम अनिवार्य रूप से लागू करने तथा 30 प्रतिशत पाठयक्रम अपनी स्थानिकता एवं भौगोलिक विशेषता के आधार पर संशोधित एवम परिवर्तित करने के संबंध में विचार विमर्श किया गया।
बैठक में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के गठन और उसके संरचना की कार्ययोजना भी प्रस्तुत की गई और इसके संबंध में व्यापक विचार विमर्श भी किया गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अपेक्षा के अनुरूप बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के तहत समस्त विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक/शैक्षणिक समस्याओं के निराकरण एवं कुलपति के चयन की प्रक्रिया के संबंध में भी विचार विमर्श किया गया। इस दौरान उप मुख्यमंत्री ने बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की गठन की प्रक्रिया में आवश्यक संशोधन किए जाने के निर्देश दिए।
बैठक में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा0 सतीश चन्द्र द्विवेदी, अध्यक्ष राज्य उच्च शिक्षा परिषद,श्री गिरीश चंद्र त्रिपाठी, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्रीमती मोनिका एस गर्ग, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्रीमती आराधना शुक्ला, प्रति कुलपति एकेटीयू श्री विनीत कांसल, पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक श्री कृष्ण मोहन त्रिपाठी,
श्री वाचस्पति मिश्र अध्यक्ष उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, पूर्व अध्यक्ष केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, श्री अशोक गांगुली, डॉक्टर निशी पाण्डेय अंग्रेजी विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय, प्रोफेसर अरविंद मोहन अर्थशास्त्र विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय, डॉक्टर अब्बास नैयर उर्दू विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय, प्रोफेसर सदानंद प्रसाद गुप्त,
कार्यकारी अध्यक्ष उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान लखनऊ, विशेष सचिव उच्च शिक्षा श्री अब्दुल समद एवम मनोज कुमार, विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा, श्री उदय भान त्रिपाठी एवं जयशंकर दुबे तथा विशेष आमंत्रितो में प्रोफेसर हरे कृष्णा, चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, डॉक्टर दिनेश चंद्र शर्मा एसोसिएट प्रोफेसर राजकीय महिला महाविद्यालय बादलपुर, गौतमबुद्ध नगर सहित अन्य संबंधित उपस्थित थे।