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मानवाधिकार आयोग ने प्रदेश के जेलों में बंद बंदीगणों का टीकाकरण कराने के के लिए मुख्य सचिव को दिए निर्देश

उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग ने प्रदेश के विभिन्न जेलों में बंद पात्र बंदी गणों का टीकाकरण कराए जाने के संबंध में मुख्य सचिव को आवश्यक निर्देश दिए हैं।

आयोग ने बन्दियों के टीकाकरण प्रकरण के संबंध में हुई कृत कार्रवाई के पश्चात अपनी संकलित आख्या को 4 सप्ताह में उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं। आयोग के मा0 सदस्य न्यायमूर्ति श्री के0पी0 सिंह ने यह जानकारी दी।

मा0 न्यायमूर्ति श्री के0पी0 सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने प्रदेश के विभिन्न जेलों में ऐसे कितने पात्र बंदीगण हैं और उनमें से कितनों का टीकाकरण प्रथम बार और कितने बंदीगणों का टीकाकरण दूसरी बार किया जा चुका है। इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है।

उन्होंने बताया कि आयोग ने माना है कि प्रदेश के विभिन्न जेलों में निर्धारित संख्या से अधिक मात्रा में बंदीगुणों की उपस्थिति है। अतः इन स्थानों पर कोरोना वायरस से बचाव हेतु 60 वर्ष से अधिक एवं 45 वर्ष से 60 वर्ष के मध्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित बंदीगणों का टीकाकरण कराया जाना न केवल आवश्यक है बल्कि बंदीगणों के जीवन का मूल मानवाधिकार भी है।

उन्होंने बताया कि आयोग ने केंद्र एवं प्रदेश सरकार के दिशा/निर्देशों एवं गाइडलाइंस का संज्ञान लिया है, जिसके अनुसार 60 वर्ष से अधिक एवं 45 वर्ष से 60 वर्ष के मध्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों का कोरोना वायरस से बचाव हेतु टीकाकरण किया जाना है।

इस प्रकार आयोग ने माना है कि उत्तर प्रदेश की जेलों में भी अवश्य ही ऐसे बंदीगण होंगे, जो इस श्रेणी के अंतर्गत आते है वो टीकाकरण के पात्र हैं, वर्तमान समय में प्रदेश के विभिन्न जेलों में बंदीगणों के टीकाकरण के संबंध में कार्यवाही अवश्य की जा रही होगी। अतः आयोग ने इस प्रकरण का स्वतः संज्ञान लेते हुए शासन से बंदीगणों के टीकाकरण की जानकारी मांगी है।

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