बिहार की राजनीति से जुड़ी यह बड़ी खबर है। भारत निर्वाचन आयोग ने राज्यपाल फागू चौहान के आदेश पर मनोनयन कोटे के 12 विधान पार्षदाें के नाम का बुधवार को एलान कर दिया। जनता दल यूनाइटेड के पांच पुराने सदस्यों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर से मौका दिया है। जबकि, हाल ही में अपनी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के साथ जेडीयू में आए उपेंद्र कुशवाहा को भी पार्टी ने एमएलसी बनाया है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से मात्र एक पूर्व एमएलसी राजेंद्र गुप्ता दूसरी बार एमएलसी बनाए गए हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी मिथिलेश साहू ने एमएलसी के नामों की अधिसूचना जारी कर दी है।
जेडीयू व बीजेपी ने तय किए एमएलसी के नाम
जेडीयू ने उपेंद्र कुशवाहा, संजय गांधी, ललन सर्राफ, राम वचन राय, अशोक चौधरी और संजय सिंह को राज्यपाल कोटे से एमएलसी बनाया है। जेडीयू की ओर से उपेंद्र कुशवाहा पहली बार एमएलसी बनाए गए है। संजय सिंह, संजय कुमार सिंह, ललन सर्राफ, राम वचन राय और मंत्री अशोक चौधरी पूर्व में एमएलसी रह चुके हैं। बीजेपी की बात करें तो उसकी लिस्ट में डॉ. राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, संजय सिंह, निवेदिता सिंह, देवेश कुमार, डॉ. प्रमोद कुमार तथा घनश्याम ठाकुर के नाम शामिल हैं। बीजेपी ने पांच नए नेताओं को विधान परिषद की नुमाइंदगी सौंपी है। बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र गुप्ता और प्रमोद चंद्रवंशी उच्च सदन में भेजे गए हैं। दो महामंत्री जनक राम और देवेश कुमार को भी पार्टी ने एमएलसी बनाया है। बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश प्रभारी निवेदिता सिंह और मधुबनी जिले के पूर्व बीजेपी अध्यक्ष घनश्याम ठाकुर को भी पार्टी ने उच्च सदन भेजा है।
अब कुशवाहा को मंत्री बनाए जाने के कयास
एमएलसी बनाए जाने वाले उपेंद्र कुशवाहा हाल ही में अपनी पूरी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के साथ जेडीयू में आ गए थे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी के संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया था। माना जा रहा था कि जेडीयू उन्हें राज्यसभा भेजेगा, लेकिन इस कयास पर फिलहाल विराम लग गया है। पार्टी ने उन्हें बिहार में एमएलसी बनाया है। उपेंद्र कुशवाहा कहते हैं कि उन्होंने देश व बिहार के हित में बिना शर्त अपनी पार्टी का जेडीयू में विलय किया है, लेकिन अब आगे राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार में उन्हें मंत्री बनाए जाने के कयास भी लगाए जा रहे हैं।