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जाने सूर्य भगवान को समर्पित कामदा सप्तमी व्रत है कब ?

हिंदू धर्म में कामदा सप्तमी की विशेष महिमा बतायी गई है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कामदा सप्तमी का व्रत भक्त मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु करते हैं. कामदा सप्तमी का व्रत इस बार 20 मार्च शनिवार को रखा जाएगा.

इस व्रत को सालभर तक रखा जाता है. हर शुक्ल सप्तमी के दिन कामदा सप्तमी का व्रत रखा जाता है. कामदा सप्तमी व्रत की महिमा स्वयं ब्रह्मा जी ने अपने श्रीमुख से भगवान विष्णु को बतायी थी.

इस व्रत को करने से संतान सुखी रहती है, धन, संपत्ति में वृद्धि होती है. कामदा सप्तमी का व्रत हर शुक्ल सप्तमी को करना चाहिए और हर चौमासे यानी कि चार माह में व्रत का पारण करना चाहिए. आइए जानते हैं कामदा सप्तमी का महत्व और पूजा विधि…

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जिन जातकों की कुण्डली में सूर्य नीच का होता है उनके जीवन में काफी परेशानियां आती हैं. ऐसे में यदि जातक कामदा सप्तमी का व्रत करता है तो उसे इन परेशानियों से निजात मिलती है. ऐसे जातकों का सूर्य बलवान हो जाता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है.

कामदा सप्तमी से एक दिन पूर्व यानी किषष्ठी को एक समय भोजन करके सप्तमी को निराहार रहकर, ‘खरखोल्काय नमः ‘ मन्त्र से सूर्य भगवान की पूजा की जाती है और अष्टमी को अर्क (आक ) के पत्तों का सेवन करना चाहिए.

प्रातः स्नानादि के बाद सूर्य भगवान् की पूजा की जाती है सारा दिन “सूर्याय नमः” मन्त्र से भगवान् का स्मरण किया जाता है. अष्टमी को स्नान करके सूर्य देव का हवन पूजन किया जाता है. सूर्य भगवान् का पूजन करके आज घी , गुड़ इत्यादि का दान किया जाता है तथा दूसरे दिन ब्राह्मणों का पूजन करके खीर खिलाने का विधान है.

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