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दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलो को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने बुलाई आपात बैठक

देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों का कारण लोगों की लापरवाही और पुलिस की सख्‍ती में कमी होना बताया जा रहा है. देश की राजधानी दिल्‍ली में भी कोरोना के आंकड़े अब डराने लगे हैं.

दिल्‍ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन न किया जाना और मास्‍क न पहनने की आदत को बताया गया है. लोगों की लापरवाही इसलिए भी बढ़ रही है क्‍योंकि उन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो रही है.

अक्‍टूबर-नवंबर से अब के आंकड़ों की तुलना करें तो दिल्‍ली पुलिस कोरोना नियमों में जो दंड लगाती थी वह काफी कम हो गया है, जिसके कारण कोरोना के ग्राफ में एक बार फिर तेजी देखी जा रही है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 1 से 15 मार्च के बीच 130-160 लोगों पर हर दिन मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना लगाया गया है जबकि अक्टूबर-नवंबर 2020 में प्रति दिन 2,300 लोगों पर जुर्माना लगाया जाता था. बता दें उस समय दिल्‍ली में कोरोना वायरस की तीसरी लहर चल रही थी और प्रतिदिन औसतन 3,451 नए मामले सामने आ रहे थे.

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन के अधिकारियों ने माना है कि उनकी ओर से कोविड-19 मानदंडों का उल्लंघन करने वालों को दंडित करने में ढिलाई बरती गई है.

हालांकि, पांच जिला मजिस्ट्रेटों ने वादा किया है कि वह अब अपने यहां नियमों में सख्‍ती करेंगे. उत्तरी दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट ईशा खोसला ने कहा कि वे हर दिन 200-300 लोगों पर जुर्माना लगाती हैं. लेकिन वर्तमान स्थिति में उन्होंने एहतियाती उपायों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कदम उठाए हैं और निगरानी टीमों की संख्या भी 14 से बढ़ाकर 21 कर दी है.

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