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‘कटोरा लेकर ना आएं’ बयान पर प्रकाश जावड़ेकर ने दिया स्पष्टीकरण, कहा- वापस लेता हूं अपने शब्द

दो दिन पहले केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर अपने एक बयान की वजह से विवादों में आ गए थे। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था, मदद मांगने के लिए कटोरा लेकर सरकार के पास न आएं। इसके बजाय वो संस्थान के पूर्व छात्रों से मदद मांगें। उन्होंने कहा था कि कुछ ऐसे स्कूल हैं जो अपने पूर्व छात्रों से मदद मांगने के बजाय ‘सरकार के पास कटोरा लेकर’ आते रहते हैं।

अपने इस बयान पर हुए विवाद के बाद उनके मंत्रालय ने आधिकारिक स्पष्टीकरण जारी की है। अपने बयान को लेकर उठे सवालों पर जावड़ेकर ने कहा, ‘दो दिन पहले पुणे के स्कूल के कार्यक्रम में दिए एक बयान को लेकर गलतफहमी हो गई थी। शिक्षा पर होने वाले सरकारी खर्च को लेकर मेरे बयान की गलत व्याख्या की गई। मेरा यह कहना नहीं था कि सरकार शिक्षा पर खर्च नहीं करेगी और केवल पूर्व छात्र करेंगे।’

प्रकाश जावड़ेकर ने आगे कहा, ‘सरकार बड़े पैमाने पर शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रही है और आने वाले समय में इसमें इजाफा करेगी। वर्तमान की मोदी सरकार पिछले चार सालों से सकारात्मक ट्रेंड दिख रहा है। लगभग 70 प्रतिशत खर्च शिक्षा पर होता है। लेकिन उसी समय मैं चाहता हूं कि पूर्व छात्रों को शैक्षणिक संस्थानों को मजबूती प्रदान करने के लिए अपना योगदान देना चाहिए।’

उन्होंने आगे जोड़ा, ‘लेकिन वह बयान देते समय मुझे अहसास हुआ कि कटोरा लेकर ना आएं शब्द का इस्तेमाल करना गलत था और इसलिए मैं उसे वापस ले रहा हूं।’ कार्यक्रम के दौरान ज्ञान प्रबोधिनी स्कूल के पूर्व छात्रों द्वारा किए गए योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा था कि स्कूल ने अन्य संस्थानों के लिए भी एक अच्छा उदाहरण पेश किया है। ‘ऐसे स्कूल भी चलते हैं। नहीं तो हर बार सरकार के पास कटोरा लेकर जाएंगे और बात करेंगे कि हमें मदद चाहिए। अरे, मदद तो आपके घर में पड़ी है। आपके जो पूर्व छात्र हैं, उनकी भी जिम्मेदारी बनती है।’

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